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नोटबंदी: आरबीआई के आंकड़े पर पी चिदंबरम का तंज, कहा- ऐसे अर्थशास्त्रियों को नोबेल मिले

चिदंबरम ने व्यंग्य के अंदाज में कहा, 'आरबीआई ने 16,000 करोड़ रुपये कमाए, लेकिन नए नोटों की छपाई में 21,000 करोड़ रुपये गंवाए! अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।'

Updated on: 30 Aug 2017, 09:09 PM

highlights

  • चिदंबरम बोले, नोटबंदी के फैसले पर आरबीआई को शर्म आनी चाहिए
  • आरबीआई ने बताया, नोटबंदी बाद 15.28 लाख करोड़ नोट वापस लौटे

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को नोटबंदी के फैसले को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ एक फीसदी प्रतिबंधित नोट वापस नहीं आ सके और आरबीआई के लिए यह शर्म की बात है।

साथ ही उन्होंने एक आंकड़े जारी करते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि ऐसे अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।

आरबीआई ने बुधवार को खुलासा किया है कि 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने 99 फीसदी नोट वैधानिक तौर पर आरबीआई के पास लौट आए हैं। इस पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी का यह फैसला काले धन को सफेद करने के लिए लिया था।

चिदंबरम ने कई ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने कहा है कि आरबीआई के पास जितनी राशि वापस आई है, उससे कहीं अधिक लागत नए नोटों को छापने में लग गई।

चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'प्रतिबंधित किए गए 1,544,000 करोड़ रुपयों में से सिर्फ 16,000 करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आए, जो कुल प्रतिबंधित राशि का एक फीसदी है। नोटबंदी की सिफारिश करने वाली आरबीआई के लिए यह शर्म की बात है।'

चिदंबरम ने व्यंग्य के अंदाज में कहा, 'आरबीआई ने 16,000 करोड़ रुपये कमाए, लेकिन नए नोटों की छपाई में 21,000 करोड़ रुपये गंवाए! अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।'

उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, '99 फीसदी नोट वैधानिक तौर पर बदले जा चुके हैं! क्या नोटबंदी काले धन को सफेद करने के लिए बनाई गई योजना थी।'

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में 1,000 रुपये के कुल 8.9 करोड़ नोट, जिसका मूल्य 8,900 करोड़ रुपये हैं, वह प्रणाली में वापस नहीं लौटा, जबकि उस समय प्रचलन में 1,000 रुपये के कुल 670 करोड़ नोट थे।

इस तरह आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के दौरान देश में प्रचलन में रहे 1,000 रुपये के 1.3 फीसदी नोट ही वापस नहीं आए हैं।

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