शक्तिकांत दास को आरबीआई गवर्नर नियुक्त करने के सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि वह सरकार के इशारे पर नाचेंगे. इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि सरकार ने एक प्रख्यात अर्थशास्त्री के बदले उस नौकरशाह को आरबीआई गवर्नर बनाया, जिसने नोटबंदी का बचाव किया था. यह कदम संस्थान को कमजोर कर देगा. पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि 2016 की नोटबंदी के कदम के बचाव के लिए दास महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त होने वाले दूसरे व्यक्ति हैं, जो दिखाता है कि सरकार आम लोगों के प्रति असंवेदनशील है. चिदंबरम नोटबंदी का बचाव करने के लिए पहले नेता के तौर पर परोक्ष रूप से मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम का संदर्भ दे रहे थे.
चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'सरकार ने ऐसे दो लोगों को दो महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया है, जिन्होंने नोटबंदी का समर्थन किया था. मोदी सरकार के बारे में क्या कहा जाए? क्या सरकार देश के लोगों को यह कह रही है कि 'आप क्या सोचते हैं, हमें इससे कोई मतलब नहीं, हम वही करेंगे, जिससे हमें खुशी मिलती है?'
आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दास ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर का कार्यभार संभाल लिया. गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता पर सरकार के साथ तकरार के बाद उर्जित पटेल ने गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था.
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दास, तमिलनाडु काडर के 1980 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और भारत के 15वें वित्त आयोग के सदस्य और भारत की ओर से जी-20 के शेरपा रह चुके हैं. सेंट स्टीफन कॉलेज से मास्टर की डिग्री प्राप्त कर चुके दास इससे पहले वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं. पटेल ने सोमवार को 'व्यक्तिगत कारणों' का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनके विभिन्न पूर्ववर्तियों ने संकेत दिया कि उन्होंने यह निर्णय सरकार और केंद्रीय बैंक से जुड़े हालिया विवाद के कारण लिया है.
Source : IANS