केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोकसभा मे तीन तलाक विधेयक पेश किया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में बिल पेश करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संसद से तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने को कहा था. उन्होंने कहा, जब मुस्लिम देशों में तीन तलाक पर रोक लगाई जा सकती है तो भारत जैसे देश में ऐसा क्यों नहीं ऐसा हो सकता. महिलाओं के साथ (Gender Justice) न्याय हमारे संविधान का मूल दर्शन है. हमारी सरकार का यह मूल एजेंडा है.
तीन तलाक विधेयक पर चर्चा करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, इस सदन में 78 बहनें लोकसभा का सदस्य बनकर आई हैं. मुझे गर्व है कि मैं उस सदन का सदस्य हूं, जहां इतनी बहनें हैं. आज मेरी इस सदन से गुजारिश है कि महिलाओं के साथ न्याय के नजरिए से देखें, इंसान और इंसानियत के नजरिए से देखें, नारी न्याय और नारी गरिमा का यह मामला है.
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रविशंकर प्रसाद ने कहा, तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 24 जुलाई तक तीन तलाक के 345 मामले सामने आ चुके हैं.
बता दें, विधेयक में एक साथ तीन तलाक दिए जाने को अपराध करार देते हुए दोषी को जेल भेजने का भी प्रावधान किया गया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से ध्यान भटकाने के लिए सरकार तीन तलाक बिल लेकर आई है.
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वहीं इससे पहले बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर हर हाल में गुरुवार को सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा था. दूसरी ओर, सामाजिक न्याय और सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने न्यूज़ नेशन से एक्सक्लूसिव बातचीत में विपक्ष से अपील की कि ट्रिपल तलाक़ पर विपक्ष साथ दे. उन्होंने कहा- उम्मीद है कि बिल पर कोई अड़चन नहीं नहीं आनी चाहिए. उधर, एनसीपी नेता माजिद मेमन ने कहा था कि हम विपक्ष में है सिर्फ इसलिए विरोध नही करेंगे. हम एक एक बिंदु को देखेंगे फिर फैसला करेंगे. सोनिया जी विरोध कर रही हैं. हम उनसे भी बात करेंगे. ट्रिपल तलाक़ बिल पर शौहर को जेल भेजने का हम विरोध कर रहे हैं. यही सबसे बड़ा मुद्दा है.