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जया बच्चन के बयान पर रवि किशन का पलटवार, नहीं होने दूंगा ऐसा भले ही चली जाए जान

संसद में आज समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर बिफर पड़ीं. लगातार दूसरे दिन संसद में बॉलीवुड का मुद्दा गूंजा.

Updated on: 15 Sep 2020, 12:13 PM

नई दिल्ली:

संसद में आज समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर बिफर पड़ीं. लगातार दूसरे दिन संसद में बॉलीवुड का मुद्दा गूंजा. जया बच्चन ने मंगलवार को राज्यसभा में फिल्म इण्डस्ट्री को बदनाम करने का मुद्दा उठाया और भारतीय जनता पार्टी के सांसद रवि किशन पर हमला बोला. जया बच्चन ने कहा कि जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं. जिसके बाद सांसद रवि किशन ने भी जया बच्चन के बयान पर पलटवार किया है.

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जया बच्चन के राज्यसभा में दिए बयान पर भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने कहा, 'मुझे जया जी से ये उम्मीद नहीं थी. मुझे लगा था कि मेरे कल के व्यक्तव्य पर जया जी आज समर्थन देंगी या तो उन्होंने मेरी बात सुनी ही नहीं. उनकी पार्टी अलग है, उनकी विचारधारा अलग है.' उन्होंने आगे कहा, 'मेरी पार्टी भाजपा है, हमारी विचारधारा है गंदगी को देश से साफ करना. जितनी फिल्म इंडस्ट्री उनकी (जया बच्चन की) है उतना हक इस इंडस्ट्री पर मेरा भी है, मैं इंडस्ट्री को खोखला होने नहीं दूंगा भले मेरी जान चली जाए.'


दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद पिछले तीन महीनों से चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच भोजपुरी सुपरस्टार और बीजेपी सांसद रवि किशन ने सोमवार को लोकसभा में ड्रग ट्रैफिकिंग के मसले को उठाया था. रवि किशन ने कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में इसका इस्तेमाल हो रहा है. एनसीबी ने कई लोग लोग पकड़े हैं. इसके साथी रवि किशन ने केंद्र से बड़े स्तर पर इसकी जांच की अपील की थी. बता दें कि सुशांत केस से जुड़े ड्रग्स मामले में बॉलीवुड के कई स्टार्स के नाम सामने आ चुके हैं.

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आज राज्यसभा में इसी मसले पर समाजवादी पार्टी की सांसद और अभिनेत्री जया बच्चन ने बयान दिया. फिल्म उद्योग की कथित आलोचना पर जया बच्चन ने नाराजगी जताते हुए कहा कि देश में किसी भी संकट के दौरान सहायता में कभी पीछे नहीं रहने वाला यह उद्योग सराहना का हकदार है. जया ने कहा कि कल दूसरे सदन में एक सदस्य ने फिल्म उद्योग के खिलाफ बोला, जो पीडादायी था. उन्होंने कहा, 'इस उद्योग के खिलाफ आज जिस भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है. उस पर रोक लगनी चाहिए.'

उन्होंने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि दुख की बात यह है कि कुछ लोग जिस थाली में खाते हैं, उसी थाली में छेद करते हैं. जया ने कहा कि केवल कुछ लोगों की वजह से आज मनोरंजन उद्योग आलोचना का शिकार हो रहा है जो हर दिन करीब पांच लाख लोगों को प्रत्यक्ष और करीब 50 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देता है. जया ने कहा कि लाकडाउन के दौरान कुछ ऐसे हालात हुए कि मनोरंजन जगत सोशल मीडिया पर बुरी तरह आलोचना का शिकार होने लगा और उसे 'गटर' कहा जाने लगा. यह सही नहीं है. ऐसी भाषा पर रोक लगाई जानी चाहिए.