कोयंबटूर सिटी पुलिस ने एक अतिरिक्त महिला अदालत के आदेश के खिलाफ जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें एक दुष्कर्म आरोपी भारतीय वायुसेना अधिकारी को वायुसेना की हिरासत में रखने की अनुमति दी गई है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि पुलिस पहले ही 7 अक्टूबर को जिला न्यायालय, कोयंबटूर के समक्ष एक याचिका दाखिल कर चुकी है।
अरोपी आईएएफ अधिकारी, एक फस्र्ट लेफ्टिनेंट है, जिसको एक महिला आईएएफ अधिकारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था, जो उसकी सहयोगी थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, भारतीय वायुसेना अधिकारी ने 10 सितंबर की रात को उसके कमरे में जबरन प्रवेश किया और उस समय अपराध किया जब वह एक चोट के बाद दवा ले रही थी।
पुलिस की राय है कि जहां अतिरिक्त महिला अदालत ने आरोपी वायुसेना अधिकारी की हिरासत वायुसेना को सौंप दी थी, वहीं मामला भारतीय वायुसेना को स्थानांतरित नहीं किया गया है और महिला थाना, कोयंबटूर अभी भी मामले की जांच कर रहा है।
कोयंबटूर सिटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, आईएएफ ने अभी भी कोर्ट-मार्शल का गठन नहीं किया है, हालांकि अतिरिक्त महिला अदालत के समक्ष उसकी याचिका कोर्ट-मार्शल के लिए थी। पुलिस ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की है और पुलिस का तर्क है कि आरोपी को भारतीय वायुसेना की हिरासत में देना जल्दबाजी होगी।
संबंधित घटनाक्रम में, एक महिला आईएएफ अधिकारी, जो इस मामले में गवाह है, 7 अक्टूबर को अतिरिक्त महिला कोर्ट मजिस्ट्रेट के समक्ष पहले ही गवाही दे चुकी है। वह पीड़िता की सहपाठी है और मामले की गवाह है।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा था कि गेम खेलते समय उसे चोट लग गई थी और उसने दर्द कम करने के लिए दवा ली थी। शाम को वायु सेना के अधिकारियों के मेस में, उसने अपने सहपाठियों के साथ एक-दो ड्रिंक ली और उल्टी कर दी। उसने कहा कि उसके सहपाठी उसे उसके कमरे में ले गए और बाहर से ताला लगा दिया। शिकायत में कहा गया है कि 10 सितंबर की तड़के उसे लगा कि उसके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन वह इतनी कमजोर थी कि उठकर आपत्ति नहीं कर सकती थी और उसने आरोपी को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
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Source : IANS