रैंनसम साइबर अटैक पर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत पर इसका खास असर नहीं पड़ा है और न ही कोई नुकसान हुआ है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'भारत पर कोई विशेष असर नहीं पड़ा। कुछ एक जगह मामले सामने आया है। उन्हें नियंत्रित कर रहे हैं। साथ ही मॉनिटरिंग भी चल रही है।'
उन्होंने कहा कि रैनसमवेयर के संभावित खतरों की समीक्षा की गई है और जितना असर विदेश में हुआ है उतना भारत में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जून से साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर भी शुरू हो जाएगा।
मंत्रालय का कहना है कि आंध्र प्रदेश में महज 18 कंप्यूटर ही इसकी चपेट में आए हैं। इससे पहले खबरें थी कि आंध्र प्रदेश पुलिस के 102 कंप्यूटर इस हमले के शिकार हुए थे।
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि बैंक एटीएएमों के प्रभावित होने की खबर नहीं है और न ही कोई एटीएम बंद किया गया है।
इससे पहले आरबीआई ने रैनसमवेयर के हमले से बचने के लिए बैंकों को सरकारी संगठन सीईआरटी-इन के निर्देशों का पालन करने के लिये कहा था।
इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉंन्स टीम cert-in ने साइबर अटैक की स्थिति में "क्या करें"और "क्या न करें" का निर्देश जारी किया है। की सूची जारी की है।
बीते शुक्रवार को हुए वैश्विक हमले से दुनिया भर के 125,000 से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम संक्रमित हो गए थे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन के सुरक्षा शोधकर्ता 'मैलवेयर टेक' ने भविष्यवाणी की है कि दूसरा हमला सोमवार को होने की संभावना है। मैलवेयर टेक ने रैनसमवेयर हमले को सीमित करने में मदद की।
इस वायरस ने उपभोक्ताओं की फाइलों को अपने नियंत्रण में ले लिया। यह वायरस स्पेन, फ्रांस और रूस सहित 100 देशों में फैल गया। इंग्लैंड में 48 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएं (एनएचएस) ट्रस्ट व स्कॉटलैंड के 13 एनएचएस निकाय इसके शिकार हुए।