नई दिल्ली:
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से जब मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से हो रही मौत पर पत्रकारों ने सवाल पूछा तो वो थोड़े से तल्ख नजर आए. पासवान ने कहा, 'अगर कोई अस्पताल में जाता है तो आप लोग इसे 'नौटंकी' बताते हैं और कोई नहीं जाता तो कहते हो क्यों नहीं गए? मुजफ्फरपुर में जो भी करने की जरूरत है वो हम मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के साथ करने की कोशिश कर रहे हैं.'
Union Minister of Consumer Affairs, Food & Public Distribution on Muzaffarpur deaths: If somebody goes there then you call it 'nautanki,' if we don't then you say why didn't you go to see. Doing whatever is needed to be done along with Health Minister and CM. #Bihar pic.twitter.com/VVV29y1VIL
— ANI (@ANI) June 28, 2019
बता दें कि मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई. जिसके बाद सियासत गरमा गई. यहां तक की मामला कोर्ट तक पहुंच गया. बच्चों की मौतों पर मुजफ्फरपुर की एक अदालत ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ दायर एक परिवाद पत्र पर सुनवाई करते हुए जांच के आदेश दिए. अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) को इस बात की जांच के आदेश दिए हैं कि क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्यमंत्री मंगल पांडेय पर लगाए गए लापरवाही के आरोप सही हैं.
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वहीं, आज यानी शुक्रवार को शुरू हुए बिहार विधानसभा सत्र में भी चमकी बुखार को लेकर हंगामा हुआ. विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की. मानूसन सत्र शुरू होने के पहले ही कांग्रेस और भाकपा माले के विधायकों ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया. उन्होंने राज्य में फैले एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बच्चों की मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को बर्खास्त करने की मांग की. प्रदर्शन करने वाले विपक्षी सदस्य अपने हाथों में बड़े-बड़े पोस्टर लेकर यहां पहुंचे थे.
(इनपुट IANS)