मोदी सरकार के इस मंत्री ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र के विभाजन की उठाई मांग
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र के विभाजन की भी मांग की है.
नई दिल्ली:
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने उत्तर प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र के विभाजन की भी मांग की है. अठावले (Athawale) ने उत्तर प्रदेश से पूर्वांचल को हटाने की मांग की है. वहीं विदर्भ को महाराष्ट्र से अलग करके अलग राज्य बनाने की बात कही है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा,'हमारी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के विभाजन की मांग को आगे रखेगी. पूर्वांचल को यूपी से और विदर्भ को महाराष्ट्र से बाहर करने की आवश्यकता है.'
रामदास अठावले ने कहा कि इस बाबत हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे.
Union Minister Ramdas Athawale: Our party will put forward the demand for bifurcation of Uttar Pradesh & Maharashtra at National Democratic Alliance (NDA) meeting.There is a need to carve out Purvanchal from UP & Vidarbha from Maharashtra.We'll write about this to Prime Minister. pic.twitter.com/KsM5HDZHNy
— ANI (@ANI) September 24, 2019
बता दें कि 22 सितंबर को रामदास अठावले वाराणसी पहुंचे थे, इस दौरान भी उन्होंने यूपी को अलग करने की मांग की थी. रामदास अठावले ने कहा कि अमित शाह से मिलकर पूर्वांचल को अलग प्रदेश बनाकर राजधानी बनारस करने की मांग की जाएगी.
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इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूपी के बंटवारे की बात कही थी. सोशल मीडिया पर एक लिस्ट भी वायरल हो रही है जिसमें बकायदा प्रदेश में शामिल होने वाले जिलों के नाम भी हैं. हालांकि सरकार इन खबरों को फेक बता रही है. जहां तक उत्तर प्रदेश के विभाजन (Uttar Pradesh Partition) की बात है तो तत्कालीन मायावती सरकार ने एक प्रस्ताव को 21 नवंबर को विधानसभा में पारित कराया था, लेकिन केंद्र सरकार ने कुछ सवालों के साथ इसे वापस कर दिया गया था. उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक पूर्वाचल में 32, पश्चिम प्रदेश में 22, अवध प्रदेश में 14 और बुंदेलखण्ड में सात जिले शामिल होने थे.
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