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केंद्रीय मंत्री का राहुल पर हमला, UPA सरकार ने NFSA कानून पास किया, लेकिन...

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी का यह कहना कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के लाभार्थियों की सूची का विस्तार नहीं किया, तथ्यों से परे है.

Updated on: 19 Aug 2020, 08:55 PM

नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी का यह कहना कि मोदी सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के लाभार्थियों की सूची का विस्तार नहीं किया, तथ्यों से परे हैं. UPA सरकार ने ही NFSA कानून को 2013 में पास करते समय हर 10 वर्ष में लाभार्थियों की सूची के विस्तार का प्रावधान किया, जोकि 2021 की जनगणना के बाद प्रस्तावित है.

आपको बता दें कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अब तक आठ करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 2.51 करोड़ प्रवासी मजदूरों को ही मुफ्त अनाज वितरित किया है. केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय ने इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अनाज का कम वितरण यह बताता है कि प्रवासी कामगारों की वास्तविक संख्या कम थी.

मंत्रालय ने कहा है कि यदि प्रवासी मजदूर अपने मूल निवास वाले राज्यों में लौट गए हैं तो वह पहले से ही राष्ट्रीय खाद्य सरक्षा कानून (एनएफएसए) या फिर राज्य की राशन कार्ड योजना के तहत पहले से ही खाद्यान्न प्राप्त कर रहे हैं. खाद्य मंत्रालय ने कहा कि योजना के तहत कम लोगों को लाभ मिलने को योजना का कमजोर प्रदर्शन नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि आठ करोड़ प्रवासी का आंकड़ा वास्तविक लक्ष्य नहीं माना जाना चाहिए.

केन्द्र सरकार ने मई मध्यम में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को पांच किलो खाद्यान्न और एक किलो ‘चना’ मुफ्त वितरित करने की घोषणा की थी. यह सुविधा मई और जून दो माह के लिए आठ करोड़ प्रवासियों के लिए शुरू की गई. ऐसे प्रवासी मजदूर जिनके पास न तो केन्द्र और न ही राज्य सरकार का कोई राशन कार्ड है. योजना के तहत राज्यों को अनाज वितरण के लिये 31 अगस्त का समय दिया गया.

केंद्र ने इस योजना के तहत राज्यों केन्द्र शासित प्रदेशों को दो माह के लिये 8 लाख टन अनाज का आवंटन किया, लेकिन राज्यों ने इसमें से केवल 6.38 लाख टन अनाज ही उठाया. खाद्य मंत्रालय ने कहा कि 17 अगस्त तक प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 6.38 लाख टन अनाज में से राज्य अथवा संघ शासित प्रदेशों ने आत्मनिर्भर भारत याजना के तहत पहचान किए गए प्रवासियों और रास्ते फंसे प्रवासियों को 2.49 लाख टन (39 प्रतिशत) अनाज का ही वितरण कर पाए.

मंत्रालय का कहना है कि यह वितरण हालांकि 31 अगस्त तक जारी रहेगी, इसलिये हो सकता है कि कुछ और प्रवासियों को इस मुफ्त खाद्यान्न योजना का लाभ मिल जाएगा. मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इस योजना के तहत मुफ्त अनाज वितरण के अलावा कुछ राज्यों जैसे कि उत्तर प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर ने मार्च 2020 के बाद बिना राशन कार्ड वाले लोगों नये राशन कार्ड भी जारी किए हैं.

मंत्रालय का कहना है कि इस दौरान 60- 70 लाख अतिरिक्त लोग भी योजना के दायरे में आए हैं. ये लोग राज्य से बाहर होने के कारण पहले कार्ड धारक नहीं थे वापस लौटने पर उन्हें नये राशन कार्ड प्राप्त हो गए. इस संख्या को यदि आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत लाभ पाने वाले 2.51 करोड़ प्रवासियों की संख्या में जोड़ दिया जाये तो मासिक आधार पर लाभ पाने वालों की वास्तविक संख्या 3.81 करोड़ तक पहुंच जाएगी.