रामजन्म भूमि ट्रस्ट को मंदिर बनाने की डेट निर्धारित करनी चाहिए- स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती
रामजन्म भूमि (Ram Janm Bhumi) पर राम मंदिर (Ram Mandir) को लेकर स्वामी वासुदेवा नंद सरस्वती ने बड़ी बात कही है. उनका मानना है कि राम मंदिर ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण शुरू करनी की तिथि तुरंत ही जारी कर देनी चाहिए.
highlights
- राम मंदिर पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कही बड़ी बात.
- राम मंदिर का तुरंत निर्माण करवाना चाहते हैं स्वामी जी.
- कहा- हनुमान जयंति तक निर्माण का मुहूर्त निकलवाना चाहिए.
नई दिल्ली:
रामजन्म भूमि (Ram Janm Bhumi) पर राम मंदिर (Ram Mandir) को लेकर स्वामी वासुदेवा नंद सरस्वती ने बड़ी बात कही है. उनका मानना है कि राम मंदिर ट्रस्ट को राम मंदिर निर्माण शुरू करनी की तिथि तुरंत ही जारी कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि वर्ष शुरू होने जे बाद हनुमान जयंती तक कोई न कोई मुहूर्त मिल जाए. जिस मॉडल पर विश्वास किया देश ने किया है, हम चाहते है उसी मॉडल पर निर्माण हो भव्यता बढ़ाने के लिए उसका विस्तार हो सकता है. प्रयागराज के स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का नाम भी सरकार के द्वारा बनाए गए ट्रस्ट में शामिल है.
उन्होंने ट्रस्ट बनने के बाद कहा कि राम जन्मभूमि न्यास की अब ट्रस्ट बन जाने के बाद उसकी कोई आवश्यकता नही है,उसने जितना काम किया है, सब ट्रस्ट को संर्पित कर देगा. मैं भी न्यासी हूँ सब पत्थर अब पैसा ट्रस्ट को दे देंगे. अगर आवश्यकता नही होगी तो रामजन्म भूमि न्यास को भंग कर देना चाहिए. नृत्य गोपाल दास पर ट्रस्ट की बैठक में विचार होगा.
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उनको शामिल किया जाना चाहिए. हम लोग भी चाहते है कि मंदिर किसी व्यक्ति विशेष का न हो, मंदिर टाटा का बिरला का न कहा जाए, इसलिए सबके योगदान के लिए व्यवस्था होगी. हम घर घर से एक रुपए से 11 रुपए लेंगे और ट्रस्ट को देंगे. ट्रस्ट की बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.
उनका कहना है कि संत समाज जो चाहता था वो पूरा हो गया है। ट्रस्ट बन गया ,संतो को इस बात से लेना देना नही है कि कौन ट्रस्ट में है और कौन नही है. हम इतना ही चाहते है कि रामनवमी के दिन निर्माण शुरू हो जाए. 1992 के वाद मंदिर निर्माण का काम कभी रुका नही हैनिर्माण तो कार्यशाला में चल रहा है. लेकिन कुछ और जमीने वहाँ है जो इसमें आ जानी चाहिए संत सोचते है कि100 एकड़ का परिसर बने जो काबा और वेटिकन से बड़ा हो.
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ट्रस्ट की बैठक में नृत्य गोपाल दास और चम्पत राय को शामिल किए जाने पर फैसला होना चाहिए। मुस्लिम पत्र लिखे है लेकिन उसका कोई मतलब नही उनके जितने भी मंदिर तोड़ कर मस्ज़िद बने है वो अपवित्र है।मुसलमानो के कब्र वहाँ है ऐ झुठ है। सुप्रीम कोर्ट ने बहस हो सकता है.
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