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2024-25 तक बन जाएगा राम मंदिर, पांच हिस्सों में बनेगा भव्य़ मंदिर

ट्रस्ट (Trust) गठन की घोषणा के बाद आयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं. दो मंजिल के प्रस्तावित राम मंदिर की रूपरेखा पहले से तैयार है. पहली मंजिल का काम तकरीबन पूरा बताया जा रहा है.

Updated on: 06 Feb 2020, 12:28 PM

highlights

  • मंदिर के लिए 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है.
  • 20 लाख घनफुट पत्थरों की जरूरत और होगी.
  • पांच हिस्सों में बांटकर तैयार किया जाएगा.

नई दिल्ली:

अयोध्या (Ayodhya) मामले में ट्रस्ट (Trust) गठन की घोषणा के बाद आयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारियां तेज हो गई हैं. दो मंजिल के प्रस्तावित राम मंदिर की रूपरेखा पहले से तैयार है. पहली मंजिल का काम तकरीबन पूरा बताया जा रहा है. विहिप (VHP) का मानना है कि 2024-25 तक अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. विहिप के मॉडल के मुताबिक मंदिर बनने में चार-पांच साल का वक्त लग सकता है. अगर ट्रस्ट विहिप के मॉडल पर काम शुरू करती है तो मंदिर के बनने में 2024 तक का वक्त लग सकता है.

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पांच हिस्सों में तैयार होगा मंदिर
पत्थरों को तराशे जाने का काम काफी पहले से चल रहा है. अब इन्हें फिर से साफ करना होगा. इसके अलावा ऊपर की मंजिल के लिए भी काम करना होगा. मंदिर को पांच हिस्सों में बांटकर तैयार किया जाएगा. पहला हिस्सा मंदिर का अग्रभाग होगा. फिर इसके दरवाजे होंगे, जिसे प्रस्तावित मॉडल में सिंहद्वार कहा गया है. इसके बाद दो मंडप होंगे. बाहर से भीतर की तरफ दाखिल होते हुए पहला नृत्य मंडप होगा, जबकि दूसरा रंगमंडप होगा. नीचे रामलला विराजमान होंगे, जबकि ऊपर की मंजिल पर राम दरबार होगा. कार्यशाला में लगे शिलापट के मुताबिक पहली मंजिल की ऊंचाई 18 फुट होगी, जबकि दूसरी मंजिल की ऊंचाई 15 फुट 9 इंच होगी. इसके ऊपर 16 फुट 3 इंच की पेटी होगी और उसके ऊपर 65 फुट 3 इंच के आकार का शिखर होगा.

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मंदिर के लिए 60 फीसदी काम पूरा
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के मुताबिक अयोध्या में कारसेवकपुरम के पास मौजूद कार्यशाला में प्रस्तावित मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही शुरू हो गया था. मंदिर के लिए 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है. लगभग 212 पिलर पर बनने वाले राम मंदिर के लिए अभी और पत्थर तराशे जाने हैं. एक पिलर के तलाशने में कम से कम तीन महीने का वक्त लगता है. माना जा रहा है कि 20 लाख घनफुट पत्थरों की जरूरत और होगी. आलोक कुमार ने साफ किया कि राम मंदिर निर्माण के लिए फंड जुटाने का काम अगर ट्रस्ट कहेगी तो विहिप करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार के पैसे से राम मंदिर का निर्माण नहीं होना चाहिए.

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सुरक्षा की भी नई व्यवस्था होगी
राम मंदिर परिसर के चारों ओर बैरिकेडिंग के बारे में पूछे जाने पर आलोक कुमार ने साफ किया कि सुरक्षा का क्या और कैसा प्रबंध हो. यह तय करना सुरक्षा से जुड़े लोगों का काम है, लेकिन विहिप चाहेगी कि रामलला का दर्शन लोगों को हो. उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर के बनने के साथ-साथ पूरे अयोध्या में तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए ढांचागत विकास करना होगा. यह सारा काम ट्रस्ट को करना है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही कारसेवकपुरम के पास स्थित कार्यशाला में मंदिर के पत्थर, बीम के पत्थर, छज्जे, पिलर तराशने का काम शुरू हो गया था. 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं.