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राम सेतु पर SC ने केंद्र को दिया 6 हफ्ते का वक्त, कहा-राम सेतु बनाए रखना है या तोड़ना है, तय करे सरकार

राम सेतु मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह हफ्तों का समय दिया है। केंद्र सरकार को समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे यह स्पष्ट करना होगा कि वह राम सेतु को हटाना चाहती है या उसे बनाए रखना चाहती है।

Updated on: 13 Nov 2017, 12:24 PM

highlights

  • राम सेतु मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह हफ्तों का समय दिया है
  • केंद्र सरकार को समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे यह स्पष्ट करना होगा कि वह राम सेतु को हटाना चाहती है या उसे बनाए रखना चाहती है

नई दिल्ली:

राम सेतु मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को छह हफ्तों का समय दिया है। केंद्र सरकार को समय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे यह स्पष्ट करना होगा कि वह राम सेतु को हटाना चाहती है या उसे बनाए रखना चाहती है।

गौरतलब है कि इस परियोजना की शुरुआत भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच समुद्री परिवहन की शुरुआत के लिए की गई थी। प्रस्तावित सेतुसमुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की परियोजना है, जिसमें इस क्षेत्र को बड़े जहाजों के परिवहन के लायक बनाना है।

हालांकि बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे नहीं तोड़े जाने की मांक की थी। स्वामी का कहना है कि हिंदुओं की धार्मिक आस्था से जुड़ा राम सेतु प्रस्तावित परियोजना स्थल पर ही है, जिसका निर्माण भगवान राम ने श्रीलंका जाने के लिए किया था। स्वामी इस सेतु को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा दिए जाने की मांग करते रहे हैं।

वहीं मोदी सरकार इसे तोड़े जाने के पक्ष में नहीं है। मोदी सरकार के मंत्री नितिन गडकरी का साफ कहना रहा है कि वह किसी भी हालत में राम सेतु को नहीं तोड़ेंगे।

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