New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2019/10/19/suprme-court-56.jpg)
सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
राम मंदिर पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है. अगले महीने इस पर फैसला आएगा. इस बीच शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में लिखित जवाब दाखिल किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)
राम मंदिर पर 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है. अगले महीने इस पर फैसला आएगा. इस बीच शिया वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में लिखित जवाब दाखिल किया गया है. लिखित जवाब में शिया वफ्फ बोर्ड ने कहा है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो ज़मीन मुस्लिम पक्षकारों दी है, वो वहां श्रीराम का मंदिर बनाने के लिए हिंदू पक्षकारों को दे दी जाए.
इससे पहले अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में अखिल भारतीय हिन्दू महासभा (Akhil Bhartiya Hindu Mahasabha) और मुस्लिम पक्षकारों (Muslim Parties) ने सीलबंद कवर में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ (वैकल्पिक राहत को लेकर- MOlding of Relief) अपना लिखित जवाब सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल कर दिया है.
इसे भी पढ़ें:हरियाणा-महाराष्ट्र की धरती पर उतरे 'सितारे', BJP उम्मीदवार को जिताने के लिए मांगे वोट
सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखते हुए सभी पक्षकारों को तीन दिन के अंदर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था. अयोध्या मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने भी मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लेकर जवाब दाखिल कर दिया है.
और पढ़ें:राजस्थान के मंडावा में 'ड्रीम गर्ल' उतरीं चुनाव प्रचार करने, रोड शो को लेकर कही ये बात
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के जवाब में कहा गया है, 'सुप्रीम कोर्ट एक ट्रस्ट (Trust) बनाने का आदेश दे सकता है, जो राम मन्दिर (Ram Mandir) के निर्माण के बाद वहां प्रबंधन/प्रशासन को संभाले. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट प्रशासक (Admin) की नियुक्ति का आदेश दे सकता है.