लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) करीब है और राम मंदिर का मुद्दा भी उफान पर. साधु-संतों ने जहां मंदिर निर्माण शुरू करने का ऐलान किया है, वहीं मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गैर-विवादित जमीन को लौटाने के लिए याचिका दायर की है. साधु-संतों के ऐलान पर बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि संत नाराज नहीं हैं, लेकिन जोर दे रहे हैं वहां (अयोध्या) में राम मंदिर होना चाहिए. हम समान रूप से इस मुद्दे पर प्रतिबद्ध हैं और संतों के साथ हैं. हम पूरी तरह से इस बात को लेकर प्रतिबद्ध हैं कि अयोध्या में मंदिर होना चाहिए.
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इसके साथ ही राम माधव ने कहा, 'सरकार में होने के नाते हमें न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करना होगा. यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने है और हम आशा कर रहे हैं कि इस मामले पर जल्द फैसला आ जाएगा. एक बार फैसला आ जाए फिर सरकार वो करेगी जो उसकी शक्ति से राम मंदिर निर्माण के लिए संभव होगा.'
बता दें कि प्रयागराज कुंभ मेले में आयोजित परमधर्मसंसद ने बुधवार(30जनवरी) को ऐलान किया कि राम मंदिर के शिलान्यास के लिए 21 फरवरी को शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के नेतृत्व में देश के साधु-संत अयोध्या कूच करेंगे. धर्म संसद ने देश के हरेक हिन्दुओं से मंदिर निर्माण के लिए 21 फरवरी को 4 शिला लेकर अयोध्या पहुंचने का ऐलान किया है. स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंनद ने कहा, 'आज गली-गली में धर्म संसद हो रही है, गृहस्थ लोग धर्म संसद नहीं बुला सकते हैं. धर्म संसद सिर्फ धर्माचार्य शंकराचार्य ही बुला सकते हैं.'
बता दें कि अयोध्या विवाद (राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद) का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.
Source : News Nation Bureau