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बिना डरे मन की बात कहना, राम जेठमलानी की सबसे बड़ी खासियत थी, पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने भी राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, भारत के वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राम जेठमलानी जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ

Updated on: 08 Sep 2019, 02:24 PM

नई दिल्ली:

मशहूर वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने रविवार को दिल्ली में अपने आवास पर अंतिम सांस ली. राम जेठमलानी पिछले 2 हफ्तों से गंभीर रूप से बीमार थे जिसके बाद आज सुबह उनका निधन हो गया. देश के जाने-अधिवक्ता राम जेठमालनी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय कानून मंत्री रह चुके हैं. उनके निधन पर कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, राम जेठमलानी की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वो बिना डरे अपने मन की हर बात कह देते थे. आपातकाल के काले दिनों के दौरान, उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा. जरूरतमंदों की मदद करना उनके व्यक्तित्व का एक अभिन्न हिस्सा था.

पीएम मोदी ने आगे कहा, मैं खुद को भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मुझे उनसे मिलने के कई मौके मिले. इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ मेरी संवेदना है. वो आज भले ही हमारे बीच न हो पर उनके बेहतरीन काम हमेशा जिंदा रहेंगे.

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पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने भी राम जेठमलानी को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, भारत के वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राम जेठमलानी जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. हमने न केवल एक प्रतिष्ठित वकील को खोया है बल्कि एक महान शख्सियत को भी हैं खो दिया है. उन्होंने आगे कहा, राम जेठमलानी जी का निधन पूरे कानूनी समुदाय के लिए एक अपूरणीय क्षति है. कानूनी मामलों पर उनके विशाल ज्ञान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदना.

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बता दें, जेठमलानी का नाम सबसे बेहतरीन वकीलों में गिना जाता है. उन्होंने अपने करियर में कई बड़े केस लड़े और जीते हैं. राम जेठमलानी राजीव गांधी और इंदिरा गांधी की हत्या के आरोपियों से लेकर चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव का केस लड़ चुके हैं. मशहूर वकील होने के साथ-साथ राम जेठमलानी केंद्रीय कानून मंत्री भी रह चुके हैं.  इसके अलावा वह बीजेपी की तरफ से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में ही लॉ की डिग्री ले ली थी. हालांकि उन्हें प्रैक्टिस करने की इजाजत 18 साल की उम्र में मिली. वैसे वकालत की प्रैक्टिस की उम्र सीमा 21 साल की होती है, जबकि नियमों में संशोधन कर जेठमलानी को प्रैक्टिस करने की इजाजत 18 साल की उम्र में ही मिल गई थी.