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चीनी राखियों का लोगों ने किया बायकॉट
सिक्किम में डोकोला को लेकर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव का असर अब साफ तौर पर कारोबार पर भी दिखने लगा है। हर साल रक्षाबंधन के मौके पर भारतीयों की पसंद रहे चीनी राखियों पर भी इस बार खराब रिश्तों की मार पड़ी है।
लोग इस साल चीनी राखियों का बायकॉट कर रहे हैं। आगरा सहित देश के अधिकाशं हिस्सों में दुकानदार से लेकर खरीददार तक चीनी राखी लेने से बच रहे हैं। आगरा के राखी बेचने वाले एक दुकानदार ने कहा, 'सीमा पर तनाव रहने की वहज से हम चीनी राखियों का विरोध कर रहे हैं।इसके साथ ही इस बार भारतीय भी चीनी राखी खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।'
We are boycotting Chinese items due to tense situation;even ppl are not interested in buying Chinese products now:Seller #Agra#UttarPradeshpic.twitter.com/m4ItQ3JBuk
— ANI UP (@ANINewsUP) 5 August 2017
लोगों के चीनी राखी नहीं खरीदने की वजह से वहां से आने वाली राखियों की मांग में भारी कमी आई है। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच रक्षाबंधन पर करीब 7.50 करोड़ रुपये के राखियों का कारोबार होता है जो कि इस साल 1.5 करोड़ के पास सिमट चुका है।
पहले सस्ता होने की वजह से लोग चीनी राखी ज्यादा पसंद करते थे लेकिन इस साल लोग भारत में बनी राखियों को ज्यादा खरीद रहे हैं।
HIGHLIGHTS
- चीनी राखियां बाजार से गायब, सिक्किम विवाद की वजह से लोगों ने किया बायकॉट
- दोनों देशों के बीच करीब 7.50 करोड़ रुपये के राखी का होता है कारोबार