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पीएम मोदी के MSP के बयान पर बोले टिकैत- देश भरोसे पर नहीं, संविधान और कानून पर चलता है

पीएम मोदी के MSP के बयान पर बोले टिकैत- देश भरोसे पर नहीं, संविधान और कानून पर चलता है

Updated on: 08 Feb 2021, 07:25 PM

नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से अपने आंदोलन को खत्म करने की अपील की है. पीएम मोदी के इस बयान पर अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि 'एमएसपी है, था और रहा है' लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर एक कानून बनेगा ... देश भरोसे पर नहीं चलता है. यह संविधान और कानून पर चलता है. दरअसल, सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए कहा था कि गतिरोध को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.

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प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद किसानों से सरकार से तारीख तय करने को कहा है. हालांकि कृषक संगठनों ने प्रधानमंत्री की उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारियों की एक नई जमात पैदा हो गई, जिसे आंदोलनजीवी कहा जाता है. किसान संगठनों ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है.

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राज्यसभा में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, न्यूनतम समर्थन मूल्य था, न्यूनतम समर्थन मूल्य है और रहेगा. गरीबों को सस्ता अनाज मिलता रहेगा और मंडियों को आधुनिक बनाया जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि प्रदर्शन करना आपका अधिकार है, लेकिन जिस तरह बुजुर्ग प्रदर्शन में बैठे हुए हैं, ये सही नहीं है. आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, प्रदर्शन कर रहे लोगों को आंदोलन खत्म करना चाहिए. हम सब मिलकर मुद्दे का समाधान खोजेंगे और बातचीत के सारे विकल्प खुले हुए हैं. इस सदन के जरिए मैं दोबारा उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित करता हूं.

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बता दें कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर गत नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों (Farmers Union) ने बातचीत के लिए सरकार से तारीख तय करने को कहा है. वहीं, तीन नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच ग्यारह दौर की बातचीत हो चुकी है. लेकिन, दोनों पक्षों के अपने-अपने स्टैंड पर अडिग रहने के चलते बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंचीं.