राज्यसभा के लिए यूपी में बसपा प्रत्याशी बिगाड़ सकता है गणित!
बहुजन समाज पार्टी (BSP) द्वारा अपना उम्मीदवार उतारने के फैसले से निर्विरोध निर्वाचन की संभावना खत्म होती दिख रही है.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए सभी पार्टियों में जोर आजमाईश शुरू हो गयी है. भाजपा (BJP) ने उम्मीदवारों के चयन के लिए मंथन तेज है. ऐसे में बहुजन समाज पार्टी (BSP) द्वारा अपना उम्मीदवार उतारने के फैसले से निर्विरोध निर्वाचन की संभावना खत्म होती दिख रही है. पार्टी ने अपने नेशनल कोआर्डिनेटर रामजी गौतम को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है. बसपा की इस चाल से भाजपा के नौ सदस्यों के जीतने की राह जहां कठिन होगी वहीं, सपा और कांग्रेस के सामने भी पशोपेश के हालत हो सकते हैं.
भाजपा के आठ व सपा के एक की जीत तय
दरअसल, विधायकों की संख्या के आधार पर होने वाले इस चुनाव में भाजपा के आठ व सपा के एक सदस्य की जीत तय है. भाजपा का एक और सदस्य तब ही जीत सकता है जब विपक्ष साझा प्रत्याशी न खड़ा करे. न बसपा और न ही कांग्रेस खुद के दम पर अपना प्रत्याशी जिता सकती है. विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या के आधार पर जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को 36 वोटों की आवश्यकता होगी. भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन उसके आठ उम्मीदवारों की जीत तय है. बसपा द्वारा उम्मीदवार उतारने का फैसला किए जाने से ऊहापोह की स्थिति बन गई है.
बसपा की गणित
समाजवादी पार्टी ने अपना एक उम्मीदवार प्रो. रामगोपाल यादव का नामांकन कराकर स्पष्ट कर दिया कि उसके पास दस वोट अतिरिक्त होने के बावजूद वह किसी और को खड़ाकर करने का संकेत नहीं दे रही है. सपा द्वारा केवल उम्मीदवार खड़ा करने से भाजपा को निर्विरोध निर्वाचन की आश थी. भाजपा को भरोसा था कि पर्याप्त वोट न मिलने से विपक्षी दलों की एकता को झटका लगेगा. ऐसे में भाजपा अपने 9 सदस्यों को राज्यसभा की दहलीज तक पहुंचाने में कामयाब हो जाएगी. ऐसी स्थिति में बसपा की प्रमुख मायावती पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर रामजी गौतम को चुनाव लड़ाकर एक तीर से कई निशाना साधना चाह रही हैं.
बसपा से रामजी गौतम दावेदार
बसपा विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा ने बताया कि पार्टी ने बिहार के प्रभारी रामजी गौतम को अपना प्रत्याशी बनाया है. 26 अक्टूबर को उनका नामांकन किया जाएगा. विधानसभा में बसपा के पास 18 विधायक हैं. पार्टी को एक सीट निकालने के लिए करीब 39 प्रतिशत मतों की जरूरत होगी. इससे साफ है कि उसे दूसरे दलों से सहयोग लेना पड़ेगा.
बसपा नहीं चाहती बीजेपी की बी टीम कहलाना
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी के विधायकों की संख्या वैसे तो 18 ही हैं, लेकिन इनमें भी मुख्तार अंसारी, अनिल सिंह सहित दो-तीन और के वोट उसे मिलने की उम्मीद नहीं है. फिर भी मायावती प्रत्याशी उतारकर, भाजपा के नौवें उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना को खत्म कर बड़ा संदेश देना चाह रही हैं. बसपा नेताओं का कहना है कि मायावती के इस फैसले से कांग्रेस, सपा व अन्य विपक्षी दलों द्वारा पार्टी को भाजपा की बी-टीम के रूप में प्रचार करने पर खुद-ब-खुद ब्रेक भी लग जाएगा.
बीजेपी के असंतुष्टों पर बसपा की नजर
दूसरी तरफ अगर बसपा प्रत्याशी को सपा व कांग्रेस समर्थन नहीं देंगी तो पार्टी को पलटवार करने का मौका मिलेगा. बसपा प्रत्याशी के हारने की स्थिति में पार्टी नेताओं द्वारा जनता के बीच यह सवाल उठाया ही जाएगा कि आखिर भाजपा का मददगार कौन है. वैसे सूत्रों का कहना है कि भाजपा को हराने के लिए सपा, कांग्रेस के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अलावा कई निर्दलीय का भी बसपा को समर्थन मिल सकता है. बसपा की नजर भाजपा के असंतुष्टों पर भी है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी