राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को दिन भर के लिए स्थगित हुई, दोनों तरफ से हुई जमकर नारेबाजी

राज्यसभा में बुधवार को सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी व हंगामे के कारण लंच के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में बुधवार को सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी व हंगामे के कारण लंच के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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saketanand gyan
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राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को दिन भर के लिए स्थगित हुई, दोनों तरफ से हुई जमकर नारेबाजी

बुधवार को दोनों तरफ से हंगामें के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो गई

राज्यसभा में बुधवार को सत्ताधारी और विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी व हंगामे के कारण लंच के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा के उपसभापति पी.जे.कुरियन ने सदन की कार्यवाही स्थगित करते हुए कहा, 'अब मैं सदन की कार्यवाही का संचालन करने में खुद को अक्षम महसूस कर रहा हूं। विपक्षी सदस्य नारे लगा रहे हैं, सत्तापक्ष भी नारे लगा रहे हैं, उपसभापति लाचार हैं। सदन की कार्यवाही स्थगित करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है।'

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भोजनावकाश के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी ने एक व्यवस्था का प्रश्न उठाया और बेंगलुरू में छापेमारी के लिए आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ अर्धसैनिक बल के जवानों के भेजने पर केंद्र से आपत्ति जताई।

तिवारी ने कहा, 'राज्य की सहमति के बिना और राज्य सरकार की मांग के बिना, केंद्र सरकार वहां अर्धसैनिक बल नहीं भेज सकती। हमारे देश में संघीय व्यवस्था है।'

कांग्रेस सांसद उपसभापति के निकट पहुंचकर नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' जैसे नारे लगाए। कुरियन ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

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लेकिन, इसके बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, कांग्रेस सदस्य एक बार फिर नारे लगाने लगे। इस बीच, सत्ता पक्ष के भी कुछ लोग वहां पहुंच गए और विपक्ष के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही जब एक बार फिर शुरू हुई, कांग्रेस सदस्य प्रमोद तिवारी तथा आनंद शर्मा ने कर्नाटक के मंत्री डी.के.शिवकुमार के घर छापेमारी के लिए आयकर अधिकारियों के साथ अर्धसैनिक बल के जवानों को भेजने का मुद्दा एक बार फिर उठाया।

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शर्मा ने कहा, 'किसी भी उद्देश्य से केंद्रीय बलों को राज्य में नहीं भेजा जा सकता। यह स्पष्ट रूप से संविधान का उल्लंघन है। हमारे देश में संघीय व्यवस्था है। उन्होंने राज्य सरकार को जानकारी दिए बिना अर्धसैनिक बलों के जवानों को भेजा। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।'

केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई नहीं रुकेगी, चाहे वे कितना भी चिल्लाएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।'

दोनों पक्षों की तरफ से नारेबाजी के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। बुधवार को राज्यसभा में कार्यवाही की सूची में शामिल कोई भी कार्य नहीं हो सका।

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Source : IANS

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