राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के पुराने जख्मों को कुरेदा, कहा- अबकी चोट होगी बड़ी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने युद्ध के दौरान कठिन लड़ाई लड़ी.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने युद्ध के दौरान कठिन लड़ाई लड़ी.

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Deepak Pandey
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राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के पुराने जख्मों को कुरेदा, कहा- अबकी चोट होगी बड़ी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

देशभर में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ को लेकर जगह-जगह पर विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए हैं. इसी क्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने युद्ध के दौरान कठिन लड़ाई लड़ी. राजनाथ ने कहा कि उनके अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान ने देश की सीमाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित की. उन्होंने सेना, नौसेना और वायुसेना के उप प्रमुखों के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, मैं इतना कह सकता हूं कि हमारे देश के जवानों ने जिस शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है और जिस प्रकार से उन्होंने अपनी शहादत दी है यह देश उन्हें कभी भूल नहीं सकता है. पाकिस्तान के साथ लड़ाई 1965, 71 और 99 में भी हुई थी, लेकिन इस युद्ध के दौरान हमारे देश के बहादुर जवानों ने जो करिश्माई काम किया है उसके आधार पर मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि पाकिस्तान न तो भारत के साथ पूर्ण स्तरीय युद्ध लड़ सकता है और न ही सीमित युद्ध. इसलिए उसने एक छद्म युद्ध छेड़ा हुआ है.

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, करगिल विजय दिवस के मौके पर नयी दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उनके अदम्य साहस एवं सर्वोच्च बलिदान ने हमारी सीमाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित की. भारत के सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ के बाद 26 जुलाई 1999 को पड़ोसी देश के खिलाफ करगिल युद्ध में विजय की घोषणा की थी.

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भारतीय सेना ने घुसपैठ के बाद आपरेशन विजय शुरू किया था. आपरेशन विजय 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत के सीमित युद्ध को दिया गया नाम है. इसके तहत करगिल की बर्फ से ढकी चोटियों पर युद्ध हुआ था. बता दें कि वह संसद में करगिल युद्ध की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर बोल रहे थे. सदन ने उन वीर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने दुश्मन सैनिकों को भगाकर करगिल की चोटियों को फिर से अपने कब्जे में लिया था.

उन्होंने आगे कहा, सभी देशवासियों को अपने देश के सेना के जवानों के शौर्य और पराक्रम पर पूरा यकीन है. आज कारगिल विजय दिवस पर मैं सभी सैनिकों को जिन्होंने अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए भारत को विजय दिलाई है, उनकी स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी द्रास में करगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि अर्पित की.

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