केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मोदी सरकार की चार साल की उपलब्धियों का बखान करते हुए यहां कहा कि सरकार पिछले चार वर्षो के दौरान आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से निपटने में कामयाब रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षो (2014-2017) के दौरान जम्मू एवं कश्मीर में 619 आतंकवादी मारे गए। हालांकि, राजनाथ इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि बीते चार वर्षो में सीमा पर कितने जवान शहीद हुए। राजनाथ ने कहा, 'यदि हम पिछली सरकार के अंतिम चार साल और वर्तमान सरकार के पहले चार साल की तुलना करें तो आपको लगेगा कि सरकार ने देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया है।'
उन्होंने कहा, '4 साल के कार्यकाल में सुरक्षाबलों ने 619 आतंकियों को मार गिराया। वहीं, पिछली सरकार में यह आकड़ा 471 था।'
राजनाथ सिंह ने कहा,'गृह मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक देश में सुरक्षा व्यवस्था में बहुत सुधार आया है। 1997 के मुकाबले सुरक्षा बलों और आम नागरिकों की मौत के आकड़ों में साल 2017 में 96 फीसदी की कमी देखी गई है।'
गृह मंत्री ने कहा,' कश्मीर में आतंकियों के साथ सीजफायर नहीं हुआ है। केवल रमजान के दौरान हमने ऑपरेशन बंद किया है।' उन्होंने कहा, 'मैं ये बात स्पष्ट बता दूं कि कही भी आतंकी घटना होती है तो हमने सुरक्षाबलों के कभी हाथ नहीं बांधे।'
उन्होंने कहा, 'साल 1997 से लेकर 2017 तक की बता करें तो घुसपैठ की घटना में 85 फीसदी कमी आई है। वहीं, नक्सली घटना भी काफी कम हुईं हैं। चार सालों में देश भर में 1,481 नक्सली घटनाएं सामने आईं हैं, जो पिछली सरकार के चार साल के दौरान 2,418 थीं।'
जब उनसे जवानो के शहादत को लेकर सवाल किया गया तो उन्हों कहा कि हमारी सरकार ने शहीदों के परिवार को हर संभव मदद का प्रयास किया है और उनके परिवार को मिलने वाले मुआवजे में भी बढ़ोतरी की है।
उन्होंने कहा, 'हम इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि आतंकवादी घटनाओं में जवानों की शहादत नहीं हुई है। लेकिन हमारी सरकार बनने के बाद हमने जवानों की शहादत के बाद मिलने वाली आर्थिक सहायता 50 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने का काम किया। हालांकि, जवानों की शहादत की कीमत पैसे से नहीं लगाई जा सकती।'
Source : News Nation Bureau