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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की भूमिका को सराहा

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की सराहना की. उन्होंने पूर्व पीएम के नेतृत्व क्षमता की तारीफ की.

Updated on: 15 Oct 2021, 07:55 AM

highlights

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कहा, राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव हमेशा से सकारात्मक रहा है.
  • कहा, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल वर्षों तक देश का नेतृत्व किया, बल्कि युद्ध के समय भी बेहतर तरीके कमान संभाली.

नई दिल्ली:

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका की सराहना की. उन्होंने पूर्व पीएम के नेतृत्व क्षमता की तारीफ की. सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी नाम लिया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विकास में महिला शक्ति की भूमिका को लेकर भारत का अनुभव हमेशा से सकारात्मक रहा है. रक्षामंत्री ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जरूरी है. उन्होंने कहा, ‘देश की रक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए इति​हास में महिलाओं के हथियार उठाने  के कई उदाहरण हैं. रानी लक्ष्मीबाई उनमें से सबसे आगे हैं। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने न केवल वर्षों तक देश का नेतृत्व किया, बल्कि युद्ध के समय भी बेहतर तरीके कमान संभाली.’

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महिलाओं की भागीदारी के लिए जल्द पहल की

सिंह ने कहा कि इंदिरा गांधी के पीएम रहते भारत ने पाक के खिलाफ 1971 की जंग जीती थी और एक नया देश, बांग्लादेश बना था. उन्होंने कहा कि पालक और रक्षक के तौर पर सदियों से महिलाओं की भूमिका अहम रही है.  उन्होंने कहा, ‘सरस्वती ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा की देवी हैं, तो मां दुर्गा रक्षा, शक्ति, विनाश और युद्ध की देवी हैं.’ भारत उन कुछ देशों ​का हिस्सा है,​ जिन्होंने सशस्त्र बलों में महिलाओं की भागीदारी के लिए जल्द पहल की और महिलाओं की भर्ती स्थायी कमीशन के रूप में सेना में होने लगी है.

महिला अफसरों की भर्ती 1992 में शुरू

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘महिलाएं सौ वर्ष से अधिक समय से भारतीय सैन्य नर्सिंग सेवा में गौरव के साथ सेवाएं दे रहीं हैं. भारतीय सेना में महिला अफसरों की भर्ती 1992 में शुरू हो गई थी. अब सेना की अधिकतर शाखाओं में महिला अधिकारियों की भर्ती होने लगी है।’ उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से महिलाएं राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगी.