रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कर्नाटक की स्थिति से कोई लेना-देना नहीं है, जहां कई कांग्रेस- जेडीएस विधायकों के इस्तीफे से गठबंधन सरकार संकट में घिर गई है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इस्तीफा देने का अभियान उनके (राहुल) द्वारा शुरू किया गया है और इसका बीजेपी से कोई लेना-देना नहीं है.
राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने बीजेपी पर कांग्रेस-जेडीएस की कर्नाटक सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था. राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी खरीद-फरोख्त और प्रलोभन की राजनीति में विश्वास नहीं करती.
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उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में जो भी कुछ हो रहा है, उसका हमारी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है. हमारी पार्टी पूरी तरह से संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा के प्रति प्रतिबद्ध है.' रक्षा मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में अपनी पार्टी की हार के लिए नैतिक रूप से जिम्मेदारी ली और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रमुख ने खुद अपनी पार्टी सदस्यों से इस्तीफा देने को कहा था और बहुत से वरिष्ठ नेताओं ने ऐसा किया. उन्होंने कहा, 'इस्तीफा देने की प्रक्रिया लगातार चल रही है। भाजपा का इससे क्या लेना-देना?'
बागी विधायकों को मंत्री पद का प्रस्ताव
कर्नाटक कांग्रेस ने पार्टी के नौ बागी विधायकों के शनिवार के इस्तीफे के बाद इस संकट से निपटने के लिए नौ जुलाई को अपने सभी 78 विधायकों की बैठक बुलाई है. इससे पहले कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह (विजयनगर) ने एक जुलाई को इस्तीफा दे दिया था, जिसे मिलाकर बागी विधायकों की संख्या 10 हो गई है. वहीं बागी विधायकों में 3 जेडीएस से भी शामिल है, जिसने अपना इस्तीफा दिया है. विधायकों के इस्तीफे के बाद कर्नाटक में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है, जिससे निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह जुट गई है.
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जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने कई बागी विधायकों को मनाने के लिए उन्हें मंत्री पद देने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही उन्हें उनके क्षेत्र के लिए विशेष फंड भी दिया जाएगा. लेकिन बताया जा रहा है की सभी बागी विधायकों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.