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INS उदयगिरि और सूरत की सफल लॉचिंग, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिया बड़ा बयान 

भारत स्वदेशी युद्धपोत के निर्माण को लेकर ज्यादा जोर दे रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में मंगलवार को आईएनएस 'उदयगिरि' और आईएनएस 'सूरत' की सफल लॉचिंग की.

Updated on: 17 May 2022, 12:57 PM

highlights

  • कहा, हम न केवल मेक-इन-इंडिया बल्कि मेक-फॉर-वर्ल्ड के लिए भी लक्ष्य रखेंगे
  • युद्धपोतों का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है

नई दिल्ली:

भारत स्वदेशी युद्धपोत के निर्माण को लेकर ज्यादा जोर दे रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मुंबई में मंगलवार को आईएनएस 'उदयगिरि' और आईएनएस 'सूरत' की सफल लॉचिंग की. उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए भी जहाज निर्माण करेंगे. हम न केवल मेक-इन-इंडिया बल्कि मेक-फॉर-वर्ल्ड के लिए भी लक्ष्य रखेंगे. भारतीय नौसेना युद्धपोत आईएनएस सूरत (यार्ड 12707) और आईएनएस उदयगिरी (यार्ड 12652) के जरिए पूरी दुनिया को अपनी समुद्री ताकत का ऐहसास कराएगी. दोनों  युद्धपोतों का डिजाइन नौसेना के नेवल डिजाइन निदेशालय ने तैयार किया है.

दोनों ही युद्धपोत पर गाइडेड मिसाइल 

फ्रंटलाइन युद्धपोत 'सूरत' (प्रोजेक्ट 15बी डिस्ट्रॉयर) और 'उदयगिरी' (प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट) अगली पीढ़ी के स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक  हैं. आईएनएस सूरत प्रोजेक्ट 15बी का चौथा युद्धपोत और प्रोजेक्ट 15ए  यानि कोलकता-क्लास डेस्ट्रोयर युद्धपोत के मुकाबले एक बड़ा मेकओवर   है. युद्धपोत सूरत को ब्लाक निर्माण पद्धति का उपयोग करके बनाया गया  है और इसका नाम गुजरात की वाणिज्यिक-राजधानी सूरत के नाम पर तय किया गया है. 

युद्धपोत 'उदयगिरी' की खूबियां

युद्धपोत 'उदयगिरी' (फ्रिगेट) का नाम आंध्र प्रदेश में पर्वत श्रृंखलाओं से प्रेरित है, प्रोजेक्ट 17 ए फ्रिगेट्स के तहत तीसरा जहाज है. यह उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है. यह युद्धपोत उदयगिरी के बीते संस्करण का दूसर रूप है. इसने 18 फरवरी 1976 से  24 अगस्त 2007 तक तीन दशकों की अपनी सेवा में कई चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन देखे.