केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में आंतरिक सुरक्षा, सीमा पर इंतजाम और भारत के सैन्य ठिकानों पर पाकिस्तानी वायुसेना (पीएएफ) द्वारा सुबह किए गए हवाई हमले को लेकर विचार-विमर्श किया गया. पीएएफ की यह कार्रवाई भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई बमबारी के एक दिन बाद हुई.
सूत्रों ने कहा कि मंगलवार के हवाई हमले के बाद इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात सहित खुफिया जानकारी व आगे की रणनीति पर चर्चा की गई.
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो प्रमुख राजीव जैन व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (आर एंड एडब्ल्यू) के प्रमुख अनिल कुमार धस्माना के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. सिंह ने बैठक में सीमा सुरक्षा का जायजा लिया.
सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री ने सभी सीमाओं पर बढ़ते खतरों पर विचार-विमर्श किया और पाकिस्तान से लगी देश की पश्चिमी सीमा पर हाई अलर्ट जारी करने का निर्देश दिया.
सिंह ने सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशकों को अपने जवानों को हाई अलर्ट पर रखने और उनके नियंत्रण वाले क्षेत्र में होने वाली हर गतिविधि की जानकारी साझा करने को कहा.
उन्होंने पाकिस्तान द्वारा सुबह भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने का भी जायजा लिया, जिसमें भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को अपना एक मिग-21 लड़ाकू विमान खोना पड़ा, जबकि आईएएफ के एक पायलट को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया. पायलट की पहचान विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के रूप में हुई है.
भारत द्वारा खबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रशिक्षण शिविर पर आतंक रोधी हवाई हमले किए जाने पर पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की. भारत ने हवाई कार्रवाई विश्वस्त साक्ष्य के आधार पर की थी कि आतंकी गुट पुलवामा जैसे आतंकी हमले और करना चाहता है. पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे.
Source : IANS