Rajiv Gandhi assassination: SC के आदेश के बाद जेल से रिहा हुए छह दोषी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल में बंद छह दोषियों को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार की सिफारिश के मद्देनजर आजीवन कारावास की सजा पाने वाले सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. मई में, शीर्ष अदालत ने एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री की 1991 की हत्या पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. शुक्रवार को जस्टिस बी.आर. गवई और बीवी नागरथना की बेंच ने एस नलिनी और उनके पति समेत सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश पारित किया.

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल में बंद छह दोषियों को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार की सिफारिश के मद्देनजर आजीवन कारावास की सजा पाने वाले सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. मई में, शीर्ष अदालत ने एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री की 1991 की हत्या पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. शुक्रवार को जस्टिस बी.आर. गवई और बीवी नागरथना की बेंच ने एस नलिनी और उनके पति समेत सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश पारित किया.

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(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में जेल में बंद छह दोषियों को शनिवार को जेल से रिहा कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार की सिफारिश के मद्देनजर आजीवन कारावास की सजा पाने वाले सभी छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया था. मई में, शीर्ष अदालत ने एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था, जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री की 1991 की हत्या पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. शुक्रवार को जस्टिस बी.आर. गवई और बीवी नागरथना की बेंच ने एस नलिनी और उनके पति समेत सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश पारित किया.

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इसने नोट किया कि राज्य सरकार ने सभी दोषियों की रिहाई की सिफारिश की है, और यह भी कि दोषियों ने दो दशक से अधिक समय तक जेल में बिताया है और उनका आचरण संतोषजनक था. शनिवार को जेल से रिहा हुए अन्य लोगों में शांतन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन हैं. नलिनी और रविचंद्रन तमिलनाडु से हैं जबकि चार अन्य श्रीलंकाई नागरिक हैं. श्रीलंका के मूल निवासी - शांतन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को श्रीलंकाई शरणार्थियों के तिरुचि पुनर्वास शिविर में स्थानांतरित कर दिया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि छह दोषी पिछले तीन दशकों से जेल में थे, और उन्होंने जेल में कोई समस्या पैदा नहीं की, यानी कि उनका आचरण संतोषजनक था. एस. नलिनी, जो पैरोल पर थी, को पहले काटपाडी पुलिस स्टेशन और फिर वेल्लोर केंद्रीय जेल ले जाया गया, जहां से उसकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी की गईं. अन्य कैदी पुझल और मदुरै सेंट्रल जेल में थे.

नलिनी के वकील पुगाझेंडी ने मीडियाकर्मियों से कहा कि अभी यह तय नहीं हुआ है कि वह तमिलनाडु में रहेंगी या लंदन में शिफ्ट होंगी जहां उनकी बेटी रह रही है.

Source : IANS

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