भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या को लेकर सनसनीखेज बयान दिया है।
स्वामी ने सोमवार को कहा कि राजीव की हत्या 'सुपारी किलिंग' या पैसों के लिए रची गई एक साजिश थी।
स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजीव गांधी की हत्या की जांच होनी चाहिए।
राहुल गांधी के बयान पर संदेह जताते हुए उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी को मृत्युदंड दिया था, इन्होंने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी कि उसे आजीवन कारावास देना चाहिए। उनके बयान से सारे परिवार पर संदेह आया है। राजीव गांधी की हत्या से सबसे ज्यादा फायदा सोनिया गांधी को हुआ था।'
दरअसल राहुल गांधी ने सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उन्होंने और उनकी बहन ने अपने पिता के हत्यारों को माफ कर दिया है।
राहुल के बयान पर स्वामी ने कहा, 'क्या राजीव गांधी उनकी प्रॉपर्टी है? वह देश के प्रधानमंत्री थे, इसलिए उनकी हत्या हुई। इन्होंने देश के प्रधानमंत्री की नीति पर ऐतराज कर उसकी जान ली तो आगे कौन सही नीति लेने के लिए हिम्मत जुटाएगा।'
स्वामी ने कहा, 'ऐसे मौके पर जब सुप्रीम कोर्ट इसको देख रही है और भारत सरकार ने सख्त बयान दिया है, उस समय यह कहना सही नहीं है। तुम्हारा कोई समझौता है एलटीटीई के साथ, हो सकता है कि हत्या में कोई सुपारी था। इसकी जांच होनी चाहिए।'
स्वामी ने प्रियंका और सोनिया गांधी को लेकर कहा, 'ऐसे मौके पर प्रियंका वहां चली जाती है। अब दोषी के तो सिर्फ रिश्तेदार मिल सकते हैं। ये कौन सी रिश्तेदार हैं? सोनिया गांधी ने नलिनी की लड़की की इंग्लैंड में पढ़ाई का सारा खर्चा उठाया। ये सारी करुणा क्यों दिखाई?'
स्वामी ने कहा, 'मुझे यह समझ में नहीं आता कि अपने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्यारों पर इतनी उदारता क्यों दिखानी चाहिए, जिसने विदेशियों के साथ हत्या करने में मदद की थी। राहुल के बयान में देशभक्ति का अभाव है। उन्हें यह समझना चाहिए कि दोषियों को सजा उनके पिता के लिए नहीं बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या को लेकर दी गई थी।'
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स्वामी ने कहा, 'राजीव सच्चे राष्ट्रवादी थे और जो भी उनके हत्या के लिए जिम्मेदार हैं उनके साथ कोई उदारता नहीं दिखानी चाहिए। नलिनी जो कि हत्यारों में एक थी, उसे फांसी की सजा दी गई थी लेकिन बाद में इस आजीवन कारावास में कम कर दिया गया।'
बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने कर दी थी।
एलटीटीई श्रीलंका में प्रभाकरण के नेतृत्व वाला एक आतंकवादी संगठन था।
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HIGHLIGHTS
- स्वामी ने कहा कि राजीव की हत्या 'सुपारी किलिंग' थी, परिवार पर जताया संदेह
- राहुल ने कहा था कि वे अपने पिता के हत्यारों को माफ कर चुके हैं
- राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी रैली के दौरान
Source : News Nation Bureau