पार्टी के मुद्दे प्रेस के जरिये उठाने से संगठन मजबूत नहीं होगा : रघु शर्मा
पार्टी के मुद्दे प्रेस के जरिये उठाने से संगठन मजबूत नहीं होगा : रघु शर्मा
नई दिल्ली:
हाल ही में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को कांग्रेस पार्टी ने बड़ी जिम्मेदारी देते हुए दीव-दमन, दादर नगर हवेली का प्रभारी नियुक्त किया। वो नियुक्ति के बाद पहली बार शनिवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली आये। बैठक में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की वकालत की। इसके बाद बैठक से बाहर आकर आईएएनएन से सीधी बातचीत में रघु शर्मा ने जी-23 नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा पार्टी के मुद्दे सड़क या प्रेसवार्ता में उठाने से संगठन मजबूत नहीं होगा। पेश है उनसे बातचीत के कुछ अंशसवाल- हाल ही में आप गुजरात और दो अन्य केंद्र शसित प्रदेशों के प्रभारी नियुक्त हुए हैं। अपकी क्या प्रथमिकता रहेंगी?
जवाब- मेरी प्राथमिकता गुजरात में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना है, संगठन का ढांचा मजबूत करना है। ट्रेनिंग प्रोग्राम करने हैं और भी मुद्दे हैं राज्य में उन्हें समाप्त करना है। पिछले 25 साल से राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सत्ता है, इसके बावजूद गुजरात आज कहां खड़ा है? बेरोजगारी, चिकित्सा सुविधाओं और शिक्षा के नजरिये से? अमीरों के लिए हो सकता है कि वहां विकास हुआ हो, उन्होंने डेवलअपमेंट किया हो, व्यावसायिकरण किया हो, लेकिन जो गरीब आदमी है, उसको उसके हाल पर क्यों छोड़ा हुआ है?
सवाल- चार्ज लेने के साथ ही आपने गुजरात का दौरा किया। अब क्या कुछ करना है? हालांकि बीजेपी हमेशा कहती रही है गुजरात में बहुत ज्यादा विकास हुआ है।
जवाब- विकास का पैमाना क्या है? वो गुजरात को मॉडल ऑफ गवर्नेंस बताते हैं। अगर हम गवर्नेंस की वास्तविकता देखते हैं तो उस राज्य में 25 साल में बीजेपी ने बेरोजगारी कितनी कम की? आज महंगाई की क्या स्थिति है राज्य में (गुजरात) मुख्यतौर पर गरीब आदमी को, मध्यवर्गीय परिवरों को ही गवर्नेंस की जरूरत होती है। उनके लिए नीतियां बने ताकि वे लोग अपना जीवन आराम से बसर कर सकें। आज वहां पिछले 25 साल में महंगाई कमर-तोड़ने वाली बढ़ी है.. ये भी एक सच्चाई है। आज वहां (गुजरात में) बेरोजगारी बढ़ी है, ये भी सच्चाई है। गुजरात में शिक्षा की व्यवस्था गरीब या मध्यवर्गीय परिवार के लिए नहीं है। चिकित्सा सुविधाएं वहां गरीब और मध्यवर्गीय परिवार के लिए नहीं हैं, ये एक बड़ी सच्चाई है.. इतनी बड़ी खेप स्मैक की गुजरात में पकड़ी जाए तो ये कानून और व्यवस्था की अच्छी सेहत का उदाहरण नहीं है।
सवाल- आप कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में मौजूद रहे। इस बार अब तक की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ के साथ चार सदस्य राजस्थान से मौजूद थे। क्या राजस्थान को लेकर भी कुछ चर्चा हुई?
जवाब- राजस्थान को लेकर कुछ खास चर्चा नहीं हुई, सभी लोगों ने सन्गठन को मजबूत करने को लेकर अपनी बात रखी। ये भी कहा गया कि राहुल गांधी देश और कांग्रेस की कमान सम्भालें। हमारे सामने जो मुद्दे हैं, उसमें भारतीय जनता पार्टी को कमजोर करना भी शामिल है। देश के लोगों की आवाज है कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनें।
सवाल - कांग्रेस अध्यक्ष ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में कहा- मैं ही कांग्रेस पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हूँ, मैं ही पिछले दो साल से निर्णय ले रही हूँ। ये सोनिया गांधी का संकेत किन लोगों की तरफ था ?
जवाब- बैठक बंद कमरे में हुई, बड़ी विचित्र बात है, बातें बाहर कैसे आ रही हैं? ऐसा कुछ भी नहीं है, सभी लोग यूनाइटेड हैं, एक साथ हैं। सब लोगों ने अपनी-अपनी बात रखी। लेकिन ये भी बात है कि कोई भी मुद्दा उठाने का पार्टी में एक तरीका होता है, उसे पार्टी के प्लेटफार्म पर उठायें। अपनी बात को सड़क या प्रेसवार्ता में उठा रहे हैं तो संगठन के अनुशासन को तोड़ रहे हैं। इससे पार्टी मजबूत नहीं होगी। कांग्रेस मुसीबत में जरूर है, लेकिन किसी भी तरह से कमजोर नहीं है। किसी को गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए, पार्टी की सत्ता तो आती-जाती रहती है।
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