हड़ताली डॉक्टर्स ने पीएम मोदी को लिखा खत, एक दिन हमारी ज़िंदगी जी कर दिखाएं

राजस्थान में उच्च सैलरी और प्रमोशन के लिए प्रदर्शन कर रहे एम्स के रेज़ीडेंट डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को सही ठहराते हुए पीएम मोदी को खत लिखा है।

राजस्थान में उच्च सैलरी और प्रमोशन के लिए प्रदर्शन कर रहे एम्स के रेज़ीडेंट डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को सही ठहराते हुए पीएम मोदी को खत लिखा है।

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Shivani Bansal
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हड़ताली डॉक्टर्स ने पीएम मोदी को लिखा खत, एक दिन हमारी ज़िंदगी जी कर दिखाएं

हड़ताली डॉक्टर्स ने पीएम को लिखा खत (फाइल फोटो)

राजस्थान में उच्च सैलरी और प्रमोशन के लिए प्रदर्शन कर रहे एम्स के रेज़ीडेंट डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को सही ठहराते हुए पीएम मोदी को खत लिखा है। उन्होंने खत में प्रधानमंत्री से गुहार की है कि वो उनकी परेशानियां समझने के लिए एक दिन उनकी ज़िंदगी जी कर दिखाएं।

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अपने खत में रेज़ीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने शनिवार को खत लिखकर गुहार लगाई कि वो उनकी परेशानियां को समझने के लिए जोकि सरकारी अस्पतालों में खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों के रिश्तेदारों का दुर्व्यवहार सहते हुए भारी तनाव के बीच काम करते है उसे समझने के लिए एक दिन के लिए उनकी जगह पर जिंदगी बिता कर देखें।

एम्स के आरडीए अध्यक्ष हरजीत सिंह भाटी ने खत में लिखा है, 'हम भाग्यवान है कि आपके जैसा सतर्क प्रधानमंत्री मिला है। अब आरडीए एम्स आपसे गुज़ारिश करता है कि आप व्हाइट एप्रैन (डॉक्टर का कोट) पहनें और एक दिन सरकारी डॉक्टर की हैसियत से एक दिन उस तनाव को समझने की कोशिश करें जो हम रोज़ाना झेलते है, उन मरीजों का गुस्सा जिनका इलाज नहीं हो पाता, खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के अभाव में मरने की कगार पर पहुंचा हेल्थकेयर सिस्टम।'

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उन्होंने यह भी कहा कि यह उन मंत्रियों के लिए मिसाल साबित होगा जोकि अपनी सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में सारा इल्जाम सरकारी डॉक्टर्स पर डाल देते हैं।

खत में लिखा है, 'आपका सरकारी डॉक्टर्स के लिए बिताया गया एक दिन स्वास्थ्य विभाग के लिए टर्निंग प्वाइंट होगा क्योंकि इससे मेडिकल प्रोफेशनल में विश्वास उत्पन्न होगा।'

बता दें कि हाल ही में राजस्थान के कई डॉक्टर्स को हड़ताल के बीच रेस्मां कानून लागू करने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।

खत में लिखा गया है, 'राजस्थान के डॉक्टर्स 16 दिसंबर से हड़ताल पर है। यह हड़ताल असहायी तौर पर थी न कि जानबूझकर की गई थी क्योंकि राज्य सरकार ने रेस्मां कानून लागू कर 86 डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर लिया था।'

इसमें कहा गया है कि, 'उनकी यह मांगे पहले राज्य सरकार ने मान ली थी लेकिन बाद में उन्हें मानने से मना कर दिया गया जिसके चलते अविश्वास और गुस्से में मेहनतकश डॉक्टर्स ने हड़ताल की थी। कृप्या राजस्थान सरकार को उनकी मांगे पूरी करने और अत्याचार को रोकने के लिए कदम उठाएं।'

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Source : News Nation Bureau

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