कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा और उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा व उनकी मां मौरीन वाड्रा की मुसीबतें बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की बेंच ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए फर्म के सभी साझेदारों को ईडी के समक्ष पेश होकर जांच में सहयोग देने का आदेश दिया है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से पैरवी करते हुए एएसजी राजदीप रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि यह कोई एफआईआर नहीं है ना ही कोई इस मामले में आरोपी है. यह महज एक शिकायत पर की गई जांच है जिसे रोका नहीं जा सकता है.
राजदीप रस्तोगी के तर्कों से संतुष्ट होते हुए कोर्ट ने पूर्व में कंपनी और उसके पार्टनर के लिए कोर्ट द्वारा जारी किए गए नो कोअर्सिव एक्शन के आदेश को स्थगित करते हुए कंपनी के सभी पार्टनर्स को ईडी के समक्ष पेश होने के आदेश दिए.
कंपनी के अधिवक्ता कुलदीप माथुर ने कोर्ट को बताया कि जांच में सहयोग देने के लिए उनके मुवक्किल तैयार है लेकिन उनके बच्चे का इंग्लैंड के अस्पताल में घुटनों का ऑपरेशन है. जिसके चलते कोर्ट ने यह स्वतंत्रता दी कि दोनों पक्षों के अधिवक्ता मिलकर तारीख तय कर लें. जिस पर यह तय किया गया कि अब आगामी 12 फरवरी को कंपनी के सभी पार्टनर्स को ईडी के सामने पेश होकर जांच में सहयोग करना पड़ेगा.
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गौरतलब है कि बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में 275 बीघा जमीन खरीद फरोख्त के मामले में ईडी में जांच चल रही है. इसके अलावा आज कोर्ट में एएसजी ने बताया कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपने पार्टनर मौरीन वाड्रा को एक चेक दिया था. इस चेक के द्वारा बिचौलिए महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है जो जांच का विषय है.
अब आगामी 12 फरवरी को कंपनी के सभी साझेदार जिसमें रॉबर्ट वाड्रा व मौरीन वाड्रा भी शामिल हैं ईडी के समक्ष पेश होकर, ईडी के प्रश्नों का सामना करेंगे. इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि कोर्ट ने नोकोर्सिव एक्शन के आदेश को स्थगित कर दिया लेकिन इनकी गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी.
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जिस पर एएसजी राजदीप रस्तोगी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि यदि आवश्यक हुई तो गिरफ्तारी के लिए भी रास्ता खुला रखे. जिस पर कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि ऐसा हुआ तो वे एक अर्जी पेश कर कोई आदेश ले सकते हैं.
Source : News Nation Bureau