logo-image

राजस्थान: गेहूं के बदले सरकार ने उड़ाया गरीबी का मजाक, घरों को बाहर लिखवाया 'मैं गरीब हूं'

जहां एक ओर राजस्थान सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाने का दम भरती है वहीं दूसरी ओर राज्य से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां खुद सरकार ने गरीबी का ही मजाक बना दिया है।

Updated on: 21 Jun 2017, 07:48 PM

नई दिल्ली:

जहां एक ओर राजस्थान सरकार गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाने का दम भरती है वहीं दूसरी ओर राज्य से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां खुद सरकार ने गरीबी का ही मजाक बना दिया है।

दरअसल राजस्थान के दौसा जिले में सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गेहूं लेने वाले परिवारों के घरों के बाहर गरीबी का ठप्पा लगा दिया। इन घरों के बाहर लिखवा दिया कि मैं गरीब परिवार से हूं और एनएफएसए यानि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गेहूं लेता हूं।

ऐसे में दौसा जिले के करीब 70 प्रतिशत परिवार गेहूं लेते हैं यानि की दौसा जिले की 70 प्रतिशत आबादी पर गरीबी का ठप्पा लगा दिया गया।

और पढ़ें: कौन हैं NDA उम्मीदवार राम नाथ कोविंद, 8 प्वाइंट्स में जानें

गेहूं वितरण के लिए सरकार के नुमाइंदों ने अपात्र लोग इस योजना का लाभ नहीं उठाएं इसके लिए घरों कें बाहर पीला बोर्ड पुतवा कर उस पर कुछ वाक्य लिखवा दिया है। इस पीले बोर्ड में लिखा गया है, 'मैं गरीब परिवार से हूं और एनएफएसए से गेहूं लेता हूं।'

ऐसे में गरीबी का दंश झेल रहे कुछ परिवार अब शर्मिंदगी भी महसूस करने लगे हैं और समाज में भी ऐसे लोगों को हेय दृष्टि से देखा जाने लगा है।

और पढ़ें: बिहार के गवर्नर रामनाथ कोविंद को NDA ने बनाया राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

दौसा जिले में करीब 2 लाख 40 हजार से अधिक परिवार रहते हैं। ऐसे में इन परिवारों में 52,164 परिवार बीपीएल यानि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते हैं। लेकिन सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पात्र परिवार के बाहर गरीबी का ठप्पा लगा देने से जिले के 70 प्रतिशत यानि ढेड लाख से अधिक परिवारों के घरों के बाहर गरीबी का ठप्पा लगाकर शर्मिंदा कर दिया।