फिल्म अभिनेता राजा बुंदेला ने पृथक बुंदेलखंड का झंडा थामकर उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सियासी जमीन की तलाश शुरु की थी, मगर उन्हें असफलता हाथ नहीं लगी थी। अब वे मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में कला और संस्कृति का झंडा थामकर खजुराहो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के जरिए सक्रिय हुए हैं तो हर तरफ से एक सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार फिर बुंदेला ने मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में सियासी जमीन तलाशना शुरु कर दिया है।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 14 जिलों को मिलाकर बुंदेलखंड बनता है, दोनों राज्यों के सात-सात जिले इसमें आते हैं। लंबे अरसे से पृथक बुंदेलखंड की मांग रही है, बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के बैनर तले लगातार आंदोलन भी चले। झांसी से नाता रखने वाले उद्योगपति शंकर लाल मलहोत्रा ने इस आंदोलन को धार दी थी, मगर उनके निधन के बाद यह आंदोलन लगातार कमजोर पड़ता गया। आगे चल कर राजा बुंदेला भी इस आंदोलन की पहली पंक्ति के नेताओं में शुमार हो गए।
पृथक बुंदेलखंड के आंदोलन का हिस्सा बने रहने के दौरान राजा बुंदेला ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से सियासत में कदम रखने के मकसद से वर्ष 2004 में झांसी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और उन्हें लगभग सवा लाख वोट मिले, उसके बाद उन्होंने विधानसभा में भाग्य आजमाया मगर निराशा हाथ लगी। फिर बुंदेला ने भाजपा का झंडा थामा और उन्हें भाजपा ने उत्तर प्रदेश बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से नवाजा।
पृथक बुंदेलखड आंदोलन के समर्थक का कहना है कि पृथक राज्य की मांग करने वालों ने हमेशा अपने राजनीतिक हितों को सर्वोपरि रखा है, यही कारण है कि जिस नेता का जिस दल से जुड़ाव रहा है वह उसकी मंशा के अनुरुप आगे बढ़ा। परिणामस्वरुप यह आंदोलन वक्त गुजरने के साथ कमजोर होता गया। पृथक बुंदेलखंड तो नहीं बना, इन नेताओं की महत्वाकांक्षा पूरी करने का साधन जरुर यह मसला बनता जा रहा है।
राजा बुंदेला द्वारा बीते छह साल से खजुराहो में खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इस बार सातवां आयोजन है जो 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेगा। इस बार महोत्सव देश भक्ति थीम पर आधारित है ओर देशभर के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशकों की 75 फिल्मों का प्रदर्शन किया जायेगा। खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में फिल्मों के प्रदर्शन के दौरान देश के कई जाने-माने फिल्म अभिनेता, अभिनेत्रियां, निर्माता, निर्देशक और विशेषज्ञ भी उपस्थित रहेंगे।
राजा बुंदेला की बुंदेलखंड के मध्य प्रदेश वाले हिस्से में बढ़ती सक्रियता को सियासत पर नजर रखने वालों का मानना है कि बुंदेला अब उत्तर प्रदेश की बजाय इस इलाके में अपने लिए सियासी संभावनाएं तलाश रहे है। यही कारण है कि इस फिल्म महोत्सव के अलावा उनकी इस इलाके में सक्रियता बनी रहती है।
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Source : IANS