महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने सोमवार को अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि मंगलवार को रमजान ईद मनाने के दौरान मुसलमान परेशान नहीं किए जाने चाहिए।
ठाकरे का यह बयान आश्चर्यजनक है, क्योंकि हाल ही में उन्होंने मस्जिदों पर लगाए जाने वाले लाउडस्पीकरों को लेकर विवादित बयान दिया था।
उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा है कि कल (मंगलवार) रमजान ईद है। मुसलमानों को इस त्योहार को खुशी से मनाना चाहिए। इसलिए अक्षय तृतीया के पूर्व-निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार, कल आरती न करें।
राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि मनसे किसी भी त्योहार को मनाने के लिए समस्या पैदा नहीं करेगी। राज ठाकरे ने एक ट्वीट में लिखा है, कल ईद है। कल मैंने औरंगाबाद की रैली में उसके बारे में बात की थी। मुस्लिम समाज का ये त्यौहार खुशी से मनाया जाना चाहिए, पहले तय हुआ था, उस तरह से अब आप अक्षय तृतीया के दिन कहीं भी आरती मत करें। हमें किसी के भी त्यौहार में बाधा नहीं डालनी है। लाउडस्पीकर का विषय धार्मिक नहीं सामाजिक है और उसके बारे में आगे क्या करना है, ये मैं कल ट्विटर पर बताऊंगा।
वहीं औरंगाबाद पुलिस ने किसी भी कानूनी उल्लंघन का पता लगाने के लिए उनके भाषण को स्कैन किया है।
इससे पहले उन्होंने लाउडस्पीकर के मामले में कहा था कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर नहीं बजाया जाना चाहिए और वहां से इन्हें हटा दिया जाना चाहिए। यही नहीं, उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाते हैं तो उनके समर्थक मस्जिदों के सामने और भी ऊंची आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
उन्होंने रविवार रात एक रैली में, बुधवार तक सभी धार्मिक स्थानों, विशेष रूप से मस्जिदों से लाउडस्पीकर बंद करने के अपने अल्टीमेटम (4 मई) को दोहराया।
राज ठाकरे को शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, संभाजी ब्रिगेड, स्वाभिमानी शेतकारी संगठन, वंचित बहुजन अघाड़ी और अन्य शीर्ष नेताओं की ओर से उनके बयानों के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा कि बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ और अन्य ज्वलंत मुद्दों से देश का ध्यान हटाने के लिए भाजपा और उसकी जैसी विचारधारा रखने वाले दलों द्वारा लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया जा रहा है।
राउत ने कहा, आज में विपक्ष में रावण है.. अहंकार के कारण रावण का अंत हुआ था। विपक्ष को पहले अपने अंदर के रावण को नष्ट करना चाहिए और फिर महाराष्ट्र की बात करनी चाहिए।
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि अगर राज ठाकरे ने बेरोजगारी, महंगाई, अशिक्षा या देश की अन्य ज्वलंत समस्याओं को खत्म करने के लिए समय सीमा तय की होती, तो इसका तहे दिल से स्वागत किया जाता।
उन्होंने कहा, हालांकि, वह भाजपा की धुन पर कठपुतली की तरह नाच रहे हैं और लोगों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। सद्भाव बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है और इसलिए राज ठाकरे जैसे व्यक्ति, जो अपने स्वार्थी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गड़बड़ी पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी कि महाराष्ट्र में सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के राज ठाकरे के प्रयासों से निवेश और रोजगार सृजन को खतरा होगा। इसके साथ ही उन्होंने एमवीए सरकार से ईद मनाने में बाधा उत्पन्न करने के प्रयासों के लिए कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया, जो संविधान का उल्लंघन है।
पटोले ने कहा, भाजपा सभी मोचरें पर केंद्र की विफलताओं को छिपाने के लिए राज ठाकरे को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है। राज्य में सत्ता खोने के बाद, स्थानीय भाजपा नेताओं की नींद उड़ गई है। दुर्भाग्य से, अपने भाषण में, राज ठाकरे ने लाउडस्पीकर पर बयानबाजी की, लेकिन वे देश के सामने मौजूद बड़ी समस्याओं पर एक शब्द नहीं बोल रहे हैं।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी, एसएसएस अध्यक्ष राजू शेट्टी, एसबी अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड़, वीबीए नेता, मंत्री बालासाहेब थोराट, दिलीप वालसे-पाटिल, जितेंद्र आव्हाड, छगन भुजबल, मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर और रूपाली पाटिल ने राज ठाकरे पर चौतरफा हमला किया। इन नेताओं का कहना है कि राज ठाकरे राज्य के लोगों को गुमराह कर रहे हैं और वे जनता के बीच सांप्रदायिक भेद पैदा करने की कोशिश कर रहे थे, इसलिए उनके खिलाफ सख्त निवारक कदम उठाए जाने चाहिए।
दूसरी ओर, राज्य के भाजपा नेताओं जैसे प्रवीण दरेकर, आशीष शेलार, चंद्रकांत पाटिल और अन्य ने मनसे प्रमुख की आलोचना करने वाले सभी दलों एवं नेताओं पर हमला करते हुए परोक्ष रूप से राज ठाकरे का समर्थन किया।
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Source : IANS