राजस्थान भाजपा ने की गहलोत सरकार से पेट्रोल, डीजल पर वैट कम करने की मांग

राजस्थान भाजपा ने की गहलोत सरकार से पेट्रोल, डीजल पर वैट कम करने की मांग

राजस्थान भाजपा ने की गहलोत सरकार से पेट्रोल, डीजल पर वैट कम करने की मांग

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IANS
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Raj BJP

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शनिवार को अशोक गहलोत सरकार से राज्य में पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं किया है, जो देश में सबसे ज्यादा है।

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जयपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने डीजल-पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क कम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि इससे आम आदमी और व्यापारियों को काफी राहत मिली है।

उन्होंने कहा कि अब गहलोत सरकार की बारी है कि वह राजस्थान में लगाए जा रहे वैट की दरों को कम करके लोगों को राहत दें, जो देश में सबसे ज्यादा है।

पूनिया ने कहा, मोदी सरकार ने दिवाली पर जनता को राहत का तोहफा दिया है। अब मुख्यमंत्री गहलोत राजनीतिक बयानबाजी छोड़ कर वैट कम करें।

अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में देश में सबसे ज्यादा वैट है, जिससे यहां डीजल-पेट्रोल महंगा हो रहा है। मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि सहित अन्य राज्यों ने वैट कम किया है। अब, मैं मांग करता हूं कि गहलोत सरकार भी वैट कम करें।

गहलोत ने पहले वैट में कटौती की संभावना से इनकार किया था। गहलोत ने अपने ट्वीट में कहा था, केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कमी के साथ, राज्यों का वैट अपने आप उसी अनुपात में कम हो जाता है। फिर भी हम मांग करते हैं कि केंद्र मुद्रास्फीति को कम करने के लिए उत्पाद शुल्क को और कम करे।

उत्पाद शुल्क में इस कमी के साथ, हमारे राजस्व में 1,800 करोड़ रुपये की कमी आएगी, जबकि जनवरी 2021 में वैट को 2 रुपये कम करने के हमारे निर्णय से राज्य के राजस्व को 1,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर राज्य को 2800 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। फिर भी, हम केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में और कमी की मांग करते हैं, ताकि लोगों को लाभ हो सके।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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