भारतीय रेलवे अपकी यात्रा को साहित्य से जोड़ने की योजना बना रहा है। ताकि आप उस क्षेत्र के साहित्य और संस्कृति के बारे में जान सकें।
रेल मंत्रालय एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसके तहत ट्रेनों के नाम वहां के साहित्यिक रचनाओं और कार्यों पर रखा जाएगा। इससे यात्री उसके लेखक के बारे में जान सकेंगे।
रेलवे के एक अधिकारी ने उदाहरण के तौर पर बताया कि जो ट्रेन कोलकाता जा रही है वो महाश्वेता देवी की किसी रचना के नाम पर होगी। साथी ही जो यात्री बिहार जा रहे हैं हो सकता है उनकी ट्रेन का नाम रामधारी सिंह दिनकर या विद्यापति की किसी रचना पर हो।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय रेलवे के विभिन्न ज़ोन के साहित्यकारों और उनकी कृतियों का एक बैंक तैयार कर रहा है। ताकि ट्रेनों का नाम उनकी रचनाओं पर रखा जा सके।
उन्होंने कहा, 'इसका प्रस्ताव रेलमंत्री सुरेश प्रभु की तरफ से आया। उन्होंने कहा कि रेलवे निरपेक्षता के साथ लोगों और क्षेत्र को जोड़ता है। ऐसे में ट्रेन के नाम विभिन्न सांस्कृतिक पहचान को बताने का अच्छा ज़रिया बन सकता है। ऐसे में ट्रेनों के नाम विभिन्न क्षेत्रों की भाषाओं में किये गए कामों के आधार पर नाम लिखेंगे।'
इस प्रस्ताव पर काम करने वाले आधिकारियों ने शुरुआती काम शुरू कर दिया है और साहित्य अकादमी से एक सूची भी मंगाई जा रही है।
अधिकारी ने बताया, 'रेलमंत्री को लगता है कि भारत में क्षेत्रीय संस्कृति और सभ्यता को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहता है। इससे लोगों को इनकी उपलब्धियों के बारे में युवाओं को जानकारी मिलेगी।'
और पढ़ें: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिले शाह, योगी भी करेंगे मुलाक़ात
रेल के नाम बदलने का अधिकार रेलवे के पास है लेकिन स्टेशन के नाम बदलने के लिये उन्हें अनुमति लेनी होगी। बीजेपी सरकार आने के बाद से कई स्टेशन के नामों में बदलाव हुआ है।
जैसे महामना एक्सप्रेस को हिंदी महासभा के अध्यक्ष मदन मोहन मालवीय के नाम पर रखा गया और ऐसे ही अंत्योदय एक्सप्रेस का नाम बीजेपी के विचारक दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया।
और पढ़ें: बोफोर्स मामला: यूपीए सरकार ने नहीं दी याचिका दायर करने की छूट
Source : News Nation Bureau