नए साल के पहले दिन से आम आदमी को रेलवे बड़ा झटका देने जा रही है. रेलवे ने यात्री किराये में बढ़ोतरी कर दी है. यह बढ़ोतरी अधिकतम 4 पैसे तक की गई है. मतलब अब यात्रियों को पहले की तुलना में ज्यादा रकम चुकाने होंगे. किराये की बढ़ी हुई दरें 1 जनवरी, 2020 से लागू हो जाएंगी.
नॉन एसी सेकेंड क्लास के किराये में प्रति किलोमीटर 1 पैसे की बढ़ोतरी की गई है. स्लीपर क्लास के लिए भी किराये में 1 पैसे की बढ़ोतरी की गई है. जबकि फर्स्ट क्लास के किराये में 1 पैसे की बढ़ोतरी की गई है.
मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में सेकेंड क्लास के किराये में 2 पैसे, स्लीपर क्लास के किराये में 2 पैसे तथा फर्स्ट क्लास के किराये में 2 पैसे की बढ़ोतरी की गई है.
Ministry of Railways revises the basic passenger fare as per revised passenger fare table published by Indian Railway Conference Association (IRCA), effective from January 1, 2020. pic.twitter.com/SFlDt0bIv1
— ANI (@ANI) December 31, 2019
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वहीं, एसी कोच की बात करें तो एसी चेयर कार के किराये में 4 पैसे, एसी-3 टीयर के लिए 4 पैसे, एसी-2 टीयर के किराये में 4 पैसे और एसी फर्स्ट क्लास के किराये में भी 4 पैसे की बढ़ोतरी की गई है.
इसमें यह भी कहा गया है कि राजधानी, शताब्दी, हमसफर, वंदे भारत, दुरंतो, राज्य रानी, महानमा, गतिमान, गरीबरथ, जन शताब्दी, युवा और सुविधा एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों के किराए को भी अधिसूचित किराया तालिका के अनुसार उपरोक्त प्रस्तावित वृद्धि की सीमा तक संशोधित किया जाएगा.
सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट सरचार्ज आदि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. साथ ही 1 जनवरी 2020 से पहले बुक किए गए टिकटों पर किराए का अंतर यात्रियों से नहीं लिया जाएगा.
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स्लीपर क्लास में यात्री किराए में वृद्धि का मतलब है कि नई दिल्ली से पटना तक की 997 किलोमीटर की दूरी के लिए यात्रियों को अब प्रति टिकट लगभग 20 रुपये का अतरिक्त भुगतान करना होगा. एसी कोचों के लिए यात्रियों को समान दूरी के लिए 40 रुपये अधिक चुकाने होंगे.
रोजगार की स्थिति 2020 में होगी बेहतर
हाल के दिनों में रोजगार के अवसरों में कमी के बावजूद साल 2020 में स्थिति रोजगार के मामले में बेहतर होगी. 44.5 फीसदी प्रतिभागियों ने उम्मीद जताई कि नए साल में रोजगार के अवसर बेहतर होंगे जबकि सर्वे में शामिल एक तिहाई प्रतिभागियों को लगता है कि इस मामले में स्थिति और खराब होगी.
सर्वे में शामिल 24 फीसदी से कुछ अधिक लोगों ने कहा कि वह मौजूदा हालात में कोई बेहतरी होते नहीं देख रहे हैं. हालांकि, अधिकांश प्रतिभागियों ने भविष्य को लेकर आशा जताई लेकिन फिर भी उनके आशावाद का स्तर छह साल के निम्न स्तर पर रहा.
केंद्र सरकार विभिन्न क्षेत्रों में 102 लाख करोड़ रुपये की आधारभूत परियोजनाओं को लाने जा रही है. सरकार को उम्मीद है कि इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और नए रोजगारों का सृजन होगा.
Source : News Nation Bureau