logo-image

रेलवे एजेंटों से बुक करा रहे हैं टिकट तो यह खबर जरूर पढ़ें, होगा फायदा

अधिकृत रेलवे एजेंटों के जरिए टिकट बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के प्रयास में आईआरसीटीसी (IRCTC) ओटीपी (OTP) आधारित प्रणाली लेकर आया है जो यात्रियों को टिकट कैंसल कराने और आईआरसीटीसी द्वारा दिए गए पासवर्ड का इस्तेमाल कर रिफंड पाने की सुविधा देगा.

Updated on: 29 Oct 2019, 10:53 PM

नई दिल्ली:

अधिकृत रेलवे एजेंटों के जरिए टिकट बुकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के प्रयास में आईआरसीटीसी (IRCTC) ओटीपी (OTP) आधारित प्रणाली लेकर आया है जो यात्रियों को टिकट कैंसल कराने और आईआरसीटीसी द्वारा दिए गए पासवर्ड का इस्तेमाल कर रिफंड पाने की सुविधा देगा. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह प्रणाली केवल उसके अधिकृत एजेंटों के माध्यम से बुक कराई गई ई-टिकटों पर लागू होगी.

बयान में कहा गया, 'ओटीपी आधारित रिफंड प्रक्रिया उपभोक्ताओं के लाभ के लिए व्यवस्था में ज्यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करेगी. यह उपभोक्ता अनुकूल सुविधा होगी जहां यात्री कैंसल कराई गई टिकट या पूर्ण वेटिंग लिस्ट टिकट के लिए उसकी तरफ से एजेंट द्वारा प्राप्त की गई रिफंड राशि की सही सूचना पा सकेगा.'

इसे भी पढ़ें:यूरोपियन डेलिगेशन ने तनाव, झड़पों के बीच लिया कश्मीर (Kashmir) का जायजा

नयी प्रणाली के तहत, जब भी कोई यात्री अधिकृत आईआरसीटीसी एजेंट के जरिए बुक कराई गई टिकट या पूर्ण वेटलिस्ट टिकट कैंसल कराता है तो रिफंड राशि और वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) का एक एसएमएस यात्री के मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा.

यात्री को रिफंड पाने के लिए उस एजेंट के साथ यह ओटीपी साझा करना होगा जिसने टिकट बुक की थी.

और पढ़ें:चीन ने अमेरिका को दिया सख्त संदेश, कहा- तिब्बत से जुड़े मामलों में न करे हस्तक्षेप

आईआरसीटीसी (IRCTC) के एक अधिकारी ने प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया कि अब जब रिफंड ओटीपी (OPT) आधारित होगा, यात्रियों को बस इतना करना होगा कि वे बुकिंग के वक्त अपना ही फोन नंबर दें.

अधिकारी के मुताबिक करीब 27 प्रतिशत टिकट रोजाना अधिकृत एजेंटों के जरिए बुक कराए जाते हैं. इनमें से 20 प्रतिशत टिकट रोजाना कैंसल कराई जाती हैं.

बता दें कि त्योहारों के चलते यात्रियों की भारी संख्या को देखते हुए देश भर में क्रिसमस तक 200 जोड़ी विशेष रेलगाड़ी के जरिए 2500 से अधिक फेरे या अतिरिक्त सेवाएं चलाई जा रही है.