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रेलवे का निजीकरण नहीं कर रहे, कुछ सालों के लिए निजी कंपनियां चलाएंगी ट्रेनें, बोले विनोद कुमार

भारतीय रेलवे और नीति आयोग की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और रेलवे बोर्ड के सीईओ और चेयरमैन वी.के यादव की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है.

Updated on: 18 Sep 2020, 12:01 AM

नई दिल्ली:

भारतीय रेलवे और नीति आयोग की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और रेलवे बोर्ड के सीईओ और चेयरमैन वी.के यादव की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. रेलवे स्टेशनों के पुनर्निर्माण और यात्री ट्रेनों को लेकर अगले 5 सालों के रोड मैप पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. रेलवे क्षेत्र में निवेश की योजना पर जानकारी दी गई. भारतीय रेलवे में निजी निवेश के लिए अवसर को लेकर एक शॉर्ट प्रेजेंटेशन दिया गया. नई दिल्ली और CSTM मुंबई रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प करने को लेकर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया. पीपीपी मॉडल के तहत इन स्टेशनों को वैश्विक स्तर का बनाया जाएगा. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपील की कि देश-विदेश के निजी कंपनियां इस बिडिंग प्रोसेस में हिस्सा लें.

स्टेशनों के पुनर्निर्माण और निजी कंपनियों द्वारा ट्रेनों के संचालन से रेलवे और निजी कंपनियों दोनों के लिए विन विन स्थिति होगी. नई दिल्ली और मुम्बई रेलवे स्टेशन का पूरी तरह से कायाकल्प हो जाएगा. देश के जीडीपी में 1.5 से 2 फीसदी का योगदान रेलवे कर सकता है और ये संभव भी है. रेलवे बोर्ड के सीईओ और चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा कि रेलवे का निजीकरण नहीं कर रहे हैं. निजी कंपनियां कुछ सालों के लिए ट्रेनें चलाएंगी. जिससे तकनीक और निवेश होगा. देश में आधुनिकता की आवश्यकता है. आईसीआईसीआई, एचडीएफसी जैसे बैंक देश मे आए तो क्या कोई दिक्कत हुई. अगले 13.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्लान अगले 5 सालों में है. मार्च 2024 तक मांग के हिसाब से यात्री और माल ट्रेनें चला पाये उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

यात्रा करने में लोगों को परेशानी होती है. लोगों का टिकट कंफर्म नहीं हो पाता है. प्रतीक्षा सूची में रह जाते हैं. आम जनता के लिए जो सामान्य ट्रेनें चलती रहेंगी. बल्कि उन्हें और अधिक सुविधाओं के साथ यात्रा करने को मिलेगी. यूजर चार्ज बहुत छोटा राशि का होगा. इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करेंगे. स्टेशनों के पुनर्निर्माण का काम होने तक यूजर चार्ज रेलवे के पास होगा. बड़े रेलवे स्टेशनों और जहां यात्रियों की आवाजाही ज्यादा है या ज्यादा होने की उम्मीद है वहां के लिए यूजर चार्ज लिया जाएगा. 7000 रेलवे स्टेशन अभी है इसका 10 फीसदी करीब 700 रेलवे स्टेशनों में यूजर चार्ज लगाया जा सकता है.