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रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में भारत-बांग्लादेश नई लाइन के लिए 153.84 करोड़ आवंटित किए

रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर में भारत-बांग्लादेश नई लाइन के लिए 153.84 करोड़ आवंटित किए

Updated on: 24 Jun 2023, 08:05 PM

गुवाहाटी/अगरतला:

रेल मंत्रालय ने भारत के त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच निमार्णाधीन रेलवे लाइन के लिए 153.84 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 862.58 करोड़ रुपये की अगरतला-अखौरा (बांग्लादेश) रेलवे परियोजना के इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत में चालू होने की उम्मीद है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने कहा कि परियोजना का वित्त पोषण डोनर (उत्तर पूर्वी क्षेत्र का विकास) मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है और अनुमानित लागत में से लगभग 708.74 करोड़ रुपये पहले ही प्रदान और उपयोग किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि नई रेल परियोजना से भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में लघु उद्योगों के विकास में मदद मिलेगी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि इससे निर्यात और आयात में तेजी आएगी और स्थानीय उत्पादकों को अपने उत्पादों को देश के बाहर तेजी से निर्यात करने में मदद मिलेगी।

डे ने कहा कि भारतीय रेलवे पड़ोसी देशों को जोड़ने वाली कई नई रेल परियोजनाओं को क्रियान्वित करके पीएम की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेबरहुड फस्र्ट पॉलिसी के ²ष्टिकोण की दिशा में महत्वपूर्ण रूप से काम कर रहा है। भारत और बांग्लादेश के बीच अगरतला-अखौरा अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी रेल लाइन परियोजना अंतिम चरण में है।

कुल 15.064 किमी लंबी रेलवे लाइन (भारत में 5.05 किमी और बांग्लादेश में 10.014 किमी) बांग्लादेश के अखौरा को निश्चिंतपुर (अगरतला के बाहरी इलाके) में एक अंतर्राष्ट्रीय आव्रजन स्टेशन के माध्यम से जोड़ेगी, जो यात्री और माल दोनों के बीच आदान-प्रदान के लिए एक दोहरा गेज स्टेशन होगा। इस परियोजना में एक प्रमुख पुल और तीन छोटे पुल शामिल हैं।

डे ने कहा कि परियोजना के पूरी होने के बाद ढाका के रास्ते अगरतला और कोलकाता के बीच यात्रा का समय लगभग 31 घंटे से कम होकर 10 घंटे रह जाएगा।

वर्तमान में, क्षेत्र के लोग, विशेष रूप से त्रिपुरा और इसके आसपास के इलाकों के लोग, रेल द्वारा गुवाहाटी के माध्यम से कोलकाता जाते हैं, जिसमें 31 घंटे से अधिक समय लगता है।

मालीगांव (गुवाहाटी) मुख्यालय वाली पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे अगरतला-अखौरा रेलवे परियोजना की नोडल एजेंसी है, जिसे जनवरी 2010 में अंतिम रूप दिया गया था जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी।

अगरतला में एनएफआर अधिकारियों ने कहा कि भारतीय पक्ष में अगरतला-अखौरा रेलवे परियोजना का 90 प्रतिशत से अधिक काम पहले ही पूरा हो चुका है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.