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रेलवे होटल टेंडर मामला: सीबीआई में पेशी से पहले बोले लालू, सांच को आंच नहीं

कथित रेलवे टेंडर घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव गुरुवार को नई दिल्ली में सीबीआई के समक्ष पेश हुए।

Updated on: 05 Oct 2017, 04:18 PM

highlights

  • रेलवे टेंडर मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश हुए लालू यादव
  • 26 सितंबर को आरजेडी प्रमुख और उनके बेटे तेजस्वी यादव को सीबीआई ने किया था समन
  • CBI के समक्ष पेशी से पहले बोले लालू, सच और गुलाब सदा कांटों से घिरे रहते हैं, सांच को आंच नहीं, सत्यमेव जयते

नई दिल्ली:

कथित रेलवे टेंडर घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव गुरुवार को नई दिल्ली में सीबीआई के समक्ष पेश हुए। इससे पहले वह तीन बार समन जारी किये जाने के बावजूद निजी कारणों से पेश नहीं हुए थे।

लालू यादव ने सीबीआई के समक्ष हाजिर होने से पहले कहा कि सांच को आंच नहीं, सत्यमेव जयते। लालू ने ट्विटर पर लिखा, 'सच और गुलाब सदा कांटों से घिरे रहते हैं। सांच को आंच नहीं। सत्यमेव जयते।'

लालू प्रसाद दोपहर करीब 11.30 बजे दक्षिणी दिल्ली में केंद्रीय जांच ब्यूरो के मुख्यालय में पेश हुए। सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, 'उनसे पूछताछ शुरू हो चुकी है।'

सीबीआई ने 26 सितंबर को आरजेडी प्रमुख और उनके बेटे तेजस्वी यादव को इस मामले में ताजा समन जारी किया था। जांच एजेंसी ने दोनों को क्रमश: पांच और छह अक्टूबर को मुख्यालय में पेश होने को कहा था।

सीबीआई ने पांच जुलाई को लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ इस मामले में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।

सीबीआई का आरोप है कि लालू ने 2004-09 के दौरान रेलमंत्री रहते हुए रांची और पुरी में आईआरसीटीसी के होटल के ठेके विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाली सुजाता होटल्स कंपनी को सौंप दिए थे, जिसके बदले इस परिवार ने रिश्वत के रूप में बिहार में एक प्रमुख भूखंड लिया था।

सीबीआई के अनुसार, लालू प्रसाद ने अवैध रूप से आईआरसीटीसी के होटल सुजाता होटल्स के मालिक को बेच दिए और इस दौरान इन होटलों की देखभाल और संचालन के बदले लालू ने कोचर से रिश्वत ली, और उन पैसों का इस्तेमाल पटना में तीन एकड़ जमीन खरीदने के लिए किया गया। इस जमीन पर मॉल बनाने की तैयारी चल रही है।

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सीबीआई ने पांच जुलाई को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 120 बी तथा भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13 और 13 (1) बी के तहत इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी और एजेंसी ने दावा किया था कि इन पैसों को राजद के सांसद प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम से बनी बेनामी कंपनी के माध्यम से लिया गया।

सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक, विनय कोचर ने पटना में 25 फरवरी, 2005 को डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को मात्र 1.47 करोड़ में यह जमीन बेची। सरला गुप्ता उस समय कंपनी की निदेशक थीं।

पूछताछ से पता चला कि पैसों का भुगतान अहलूवालिया कांट्रेक्टर और इसके प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया की ओर से किया गया था। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय भी इन वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में अहलूवालिया से पूछताछ कर चुकी है।

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