मध्य प्रदेश में वाणिज्यिक कर विभाग ने कर अपवंचन (चोरी) में संलग्न छह जिलों के 29 कॉटन व्यवसायियों के 47 प्रतिष्ठानों और निवासों पर एक साथ छापे की कार्यवाही की। इनमें से 10 फर्मों ने तीन करोड़ 21 लाख रुपए जमा करार। शेष 19 फर्मों में जब्त दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जा रही है। स्क्रूटनी के बाद और अधिक टैक्स जमा होने की संभावना है।
विभाग ने कॉटन व्यवसाइयों द्वारा वास्तविक टर्नओवर से अधिक टर्नओवर दिखाने, अपनी ही सहयोगी फर्मों को बिना माल सप्लाई के बिलिंग करना, फर्जी बिल-बिल्टियों से व्यापार करना, फर्जी इनवॉइसिंग, सकरुलर ट्रेडिंग करने और सामान्य कॉटन को ऑर्गेनिक कॉटन के रूप में दिखाने आदि की शिकायत प्राप्त हुई थी। इन शिकायतों का परीक्षण टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग से कराया गया।
आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, कॉटन व्यवसायियों द्वारा दी गई कॉटन का एक्सपोर्ट किये जाने संबंधी जानकारियों की वास्तविकता के लिये कस्टम हाउस एजेंट एवं कस्टम वेयर हाउस से सत्यापन किया जा रहा है। इसी तरह कॉटन व्यवसायियों द्वारा कॉटन का निर्यात दर्शा कर आईसगेट से रिफण्ड प्राप्त किए गए जाने का भी आईसगेट व कस्टम से जानकारी प्राप्त कर सत्यापन किया जा रहा है।
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा ऑर्गेनिक कॉटन के निर्यात के संबंध में टेस्टिंग एजेंसी एवं सर्टिफिकेशन एजेंसियों से व्यवसायियों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं जारी ट्रांजेक्शन सर्टिफिकेट, स्कोप सर्टिफिकेट या अन्य कोई सत्यापन व प्रमाणन दस्तावेज संबंधी जानकारी प्राप्त करने की कार्यवाही भी की जा रही है।
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Source : IANS