संबलपुर में हुई हिंसा के लिए भाजपा की जांच समिति ने ओडिशा सरकार पर उठाए सवाल
संबलपुर में हुई हिंसा के लिए भाजपा की जांच समिति ने ओडिशा सरकार पर उठाए सवाल
नई दिल्ली:
ओडिशा के संबलपुर में हनुमान जयंती के अवसर पर हुई हिंसा के मामले की जांच के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित पार्टी नेताओं की समिति ने ओडिशा सरकार की भूमिका को लेकर कई सवाल उठाए हैं।भाजपा अध्यक्ष द्वारा गठित जांच समिति की तरफ से उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और वर्तमान में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद ब्रजलाल ने नड्डा को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि 5 अप्रैल 2023 को देश की खुफिया एजेंसी ने हनुमान जयंती पर गड़बड़ी की संभावना से अवगत कराया था। इतना ही नहीं, ओडिशा की स्पेशल ब्रांच ने भी राज्य में दंगे की संभावना व्यक्त की थी, परंतु उसके बाद भी समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी। रिपोर्ट में प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा गया है कि संबलपुर प्रशासन ने सुरक्षा के जो प्रबंध किए थे वह ठीक नहीं थे। फोर्स कम थी और पुलिस पर भी मुसलमानों ने पथराव किया, जिसमें थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर अनीता प्रधान बुरी तरह घायल हो गईं और अन्य पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं।
भाजपा नेताओं की जांच समिति ने पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए रिपोर्ट में कहा है कि संबलपुर में हर साल हनुमान जयंती यात्रा निकाली जाती है, यात्रा के पहले मोटरसाइकिल जुलूस निकाला जाता है। परंपरागत रूप से इस बार भी 12 अप्रैल 2023, को संबलपुर कस्बे में लगभग 2 हजार मोटरसाइकिल से रैली निकाली गई थी, मोती झरण मस्जिद के सामने से आधा जुलूस निकल गया, तब वहां के मुसलमानों ने रैली में शामिल मोटरसाइकिलों पर मोतीझरन मस्जिद, घरों की छतों एवं गलियों से पथराव शुरू किया, जिसमें काफी लोग घायल हो गए। रैली में शामिल मोटरसाइकिलों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई और तमाम गाड़ियां चला दी गई। 14 अप्रैल 2023 को हनुमान जयंती का जुलूस निकला, प्रसाद वितरण के बाद चंद्रमणि मिर्धा मोटरसाइकिल से निकले तो रास्ते में कुछ मुसलमानों ने उन्हें रोका और तलवार से हमला करके हत्या कर दी। उनके साथ चल रहे दूसरे मोटरसाइकिल सवार कालिया सिक्का पर प्राणघात हमला हुआ, जिसमें उनकी अंगुली कट गई। संबलपुर पुलिस प्रशासन ने रातों-रात पोस्टमार्टम करके चंद्रमणि मिर्धा का शव जला दिया।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि समिति के लोग जब मृतक चंद्रमणि मिर्धा के घर पहुंचे तो उनके घर पर ताला लगा था। आदिवासी गांव के लोगों ने बताया कि उनकी परंपरा के अनुसार चंद्रमणि मिर्धा का दाह संस्कार तक नहीं किया गया।
आपको बता दें कि ओडिशा के संबलपुर में हनुमान जयंती के अवसर पर हुई हिंसा के मामले की जांच के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले महीने 28 अप्रैल को अपने चार नेताओं की एक समिति का गठन कर इसे घटनास्थल पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया था। इस जांच समिति में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद ब्रजलाल, झारखंड से राज्यसभा सांसद समीर ओरांव, झारखंड से ही दूसरे राज्यसभा सांसद आदित्य साहू और पश्चिम बंगाल से लोकसभा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो को शामिल किया गया था।
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