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लखीमपुर हिंसा मामले में आज राष्ट्रप​ति से मिलेंगे राहुल गांधी, प्रतिनिधिमंडल में कई बड़े नेता होंगे शामिल 

लखीमपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर बना हुआ है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा.

Updated on: 13 Oct 2021, 07:33 AM

highlights

  • लखीमपुरी खीरी मामले में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा प्रतिनिधिमंडल .
  • कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मिलने के समय की मांग करी थी.

नई दिल्ली:

लखीमपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर बना हुआ है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी हिंसा मामले को लेकर आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा. इस दौरान तथ्यों से संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा जाएगा. कांग्रेस के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी के साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे,वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता  अधीर रंजन चौधरी के साथ पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद होंगे.  

आठ लोगों की मौत हो गई थी

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के अनुसार प्रतिनिधिमंडल आज सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति से मिलेंगे. कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मिलने के समय की मांग करी थी। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कांग्रेस केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग कर रही है. गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में तीन अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के दौरे के दौरान भड़की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पैतृक गांव में हुई इस हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई। वहीं एक पत्रकार समेत तीन भाजपा कार्यकर्ताओं को बेरहमी से मार दिया गया.  

किसानों मोर्चा के कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं प्रियंका 

लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के लिए मंगलवार को अंतिम अरदास का आयोजन करा गया। इस अरदास में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं। इस दौरान राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता सोमवार रात ही लखीमपुर पहुंच गए। लखीमपुर खीरी के तिकोनिया गांव में जहां हिंसा हुई थी, वहां से थोड़ी दूर पर एक खेत में अंतिम अरदास के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में कई राज्यों के किसान नेता और यूनियन नेताओं ने भाग लिया। संयुक्त किसान मोर्चा ने देश भर में प्रार्थना और श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन करने की अपील की।