कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
नोटबंदी की विफलता के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए राहुल ने कहा कि मोदी ने बीते साल नवंबर में 500 व 1,000 रुपये के नोटों को बंद करके आम लोगों को खत्म करने का काम किया है।
राहुल ने कहा, 'यह दावा किया गया था कि नोटबंदी के बाद आतंकवाद खत्म हो जाएगा, लेकिन जम्मू एवं कश्मीर में तस्वीर अलग है..नोटबंदी के बाद 99 फीसदी रुपया वापस लौट आया, फिर जो कालाधन आने वाला था, वह कहां है? इसके बजाय देश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई।'
राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि देश में जितनी जरूरत उद्योगपतियों की है, उतनी ही जरूरत किसानों की है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार में देश में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं।
Demonetisation के बाद 99% पैसा वापस आ गया, नोटबन्दी की सफलता यही है कि हिंदुस्तान के हर चोर का काला धन मोदीजी ने सफेद पैसे में बदल दिया है
— Office of RG (@OfficeOfRG) September 8, 2017
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, 'बीते तीन सालों में महाराष्ट्र में 9,000 किसानों ने अपनी जान गंवाई है.. भारत में हर जगह किसान इस तरह का कदम उठा रहे हैं। मोदी ने एक व्यक्ति को 65,000 करोड़ रुपये नैनो कारखाना लगाने के लिए दिया, लेकिन उन्होंने किसानों को एक रुपया नहीं दिया।'
और पढ़ें: रघुराम राजन ने कहा- नोटबंदी पर सरकार को नुकसान के बारे में किया था आगाह
राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र में किसानों की कर्जमाफी कांग्रेस के दबाव का नतीजा है, लेकिन कर्जमाफी को अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है।
महाराष्ट्र के मामले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 35,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का ढिढोरा पीटा गया है, लेकिन राज्य सरकार ने वास्तव में सिर्फ 5,000 करोड़ रुपये ही वितरित किए हैं।
महाराष्ट्र के नांदेड़ व परभणी के एक दिवसीय दौरे के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'कर्जमाफी के लिए किसानों की जाति पूछने की क्या जरूरत है, उन्हें लंबी कतारों में क्यों खड़ा किया जा रहा है?'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि देश के सामने प्रमुख मुद्दे किसानों के हितों की रक्षा करना और बेरोजगारों को नौकरियां देना है।
उन्होंने आश्चर्य जताया, 'मोदी ने कहा था कि 'मेक इन इंडिया' के तहत दो करोड़ युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी, लेकिन वास्तविकता यह है कि कोई रोजगार के अवसर नहीं पैदा हुए। हर जगह हम 'मेड इन चाइना' देख रहे हैं और हमारी प्रतिस्पर्धा चीन के साथ है, तब 'मेक इन इंडिया' का क्या उद्देश्य है।'
मोदी पर झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री बुलेट ट्रेन देने की बात करते हैं, लेकिन सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के लिए कुछ नहीं कर रही है।
राहुल ने कहा, 'कांग्रेस में खामियां हो सकती हैं, लेकिन मतलब यह नहीं है कि हम लोगों को झूठे सपने दिखाएं। पूरे भारत में सांप्रदायिक घृणा फैल रही है..गोवा, मणिपुर व गुजरात में..बीजेपी वोट खरीदती है।'
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस सरकार की नीति थी और इसमें हमारे गरीब देश के लिए 17 फीसदी से ज्यादा जीएसटी की सिफारिश नहीं थी।
उन्होंने जीएसटी लागू करने के तरीके की आलोचना करते हुए कहा, 'आज हमारे पास 28 फीसदी तक जीएसटी है और कर के पांच स्लैब हैं।'
और पढ़ें: बीजेपी कार्यकर्ता ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
Source : IANS