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जिनके पास इंटरनेट नहीं है, उन्हें भी जीने का अधिकार है:राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मांग की कि टीकाकरण केंद्र में बिना ऑनलाइन पंजीकरण के जाने वाले देश के प्रत्येक नागरिक को टीका लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिनके पास इंटरनेट नहीं है, उन्हें भी जीने का अधिकार है.

Updated on: 10 Jun 2021, 06:40 PM

highlights

वैक्सीनेशन पर लगातार हमलावर है कांग्रेस

राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर हमला

जिनके पास इंटरनेट नहीं है, उन्हें भी जीने का अधिकार है

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मांग की कि टीकाकरण केंद्र में बिना ऑनलाइन पंजीकरण के जाने वाले देश के प्रत्येक नागरिक को टीका लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिनके पास इंटरनेट नहीं है, उन्हें भी जीने का अधिकार है. राहुल ने ट्वीट किया, "वैक्सीन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ही काफी नहीं है. टीकाकरण केंद्र पर जाने वाले हर उस व्यक्ति को इसका लाभ मिलना चाहिए . जिनका ऑनलाइन पंजीकरण नहीं हुआ है, जिनके पास इंटरनेट नहीं है, उन्हें भी जीने का अधिकार है." कांग्रेस नेता भी कुछ दिनों से लगातार गरीबों के टीकाकरण की मांग कर रहे हैं.

दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी टीकाकरण से पहले कोविन ऐप पर अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत पर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा था कि नीति निर्माताओं को जमीनी हकीकत से वाकिफ होना चाहिए और 'डिजिटल इंडिया' की वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए.

कोर्ट ने कहा था, 'आपको देखना चाहिए कि देशभर में क्या हो रहा है. जमीनी हालात आपको पता होने चाहिए और उसी के मुताबिक नीति में बदलाव किए जाने चाहिए. यदि हमें यह करना ही था तो 15-20 दिन पहले करना चाहिए था.'

राहुल गांधी ने हाल ही में टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त टीका मुहैया कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सवाल किया कि अगर टीके सभी के लिए मुफ्त हैं तो फिर निजी अस्पतालों को पैसा क्यों लेना चाहिए. उन्होंने ट्वीट किया, 'एक साधारण सवाल: अगर टीके सभी के लिए मुफ्त हैं तो फिर निजी अस्पतालों को पैसे क्यों लेने चाहिए.' पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि 18 साल से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के टीकाकरण के लिए राज्यों को 21 जून से मुफ्त टीका उपलब्ध कराया जाएगा और आने वाले दिनों में टीकों की आपूर्ति में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की जाएगी.

उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह ऐलान भी किया कि कुल टीके में 75 फीसदी की खरीद सरकार करेगी और 25 फीसदी अब भी निजी अस्पतालों को मिलेंगे, लेकिन वे प्रति खुराक 150 रुपये से ज्यादा सेवा शुल्क नहीं ले सकेंगे.