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Ravishankar prasad ( Photo Credit : फोटो-ANI)
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Ravishankar prasad ( Photo Credit : फोटो-ANI)
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए उनपर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) पार्ट टाइम राजनीतिज्ञ फेल होने के बाद अब वो फुल टाइम लॉबिंग करने में जुट गए हैं. रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी विदेशी फार्मा कंपनी द्वारा तैयार की गई कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को भारत में मंजूरी दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं. उन्होंने आगे ये भी कहा कि राहुल गांधी ने पहले उन्होंने लड़ाकू विमान बनाने वाली विदेशी कंपनियों के लिए लॉबिंग की है.
After failing as part-time politician,has Rahul Gandhi switched to full-time lobbying? He lobbied for fighter plane companies by trying to derail India’s acquisition prog. Now he's lobbying for pharma companies by asking for approvals for foreign vaccines: Union Min RS Prasad pic.twitter.com/Gb5tooMXDo
— ANI (@ANI) April 9, 2021
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी के खिलाफ जंग कोई एक खेल नहीं है. टीकाकरण के अतिरिक्त जांच, ट्रेसिंग और इलाज पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत रहती है. राहुल गांधी की समस्या यह है कि उन्हें ये सब चीजें समझ में नहीं आती हैं. अपनी अज्ञानता को वह अपने अहंकार से और बढ़ा लेते हैं और यही उन पर भारी पड़ जाता है.
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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह हर हालत में जान लेना चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है बल्कि उनमें स्वास्थ्य सेवा की ओर साधारण प्रतिबद्धता की कमी है. उन्हें अपनी पार्टी की सरकारों को लिखना चाहिए कि वसूली का काम बंद करें और उन लाखों वैक्सीनों को लगावाना शुरू करें जिनपर वह आसन जमाए बैठे हैं.
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि भारतीय वैज्ञानिक समुदाय ने समाधान विकसित करने के लिए ओवरटाइम काम किया था, लेकिन उनके प्रयासों को केंद्र ने खराब कार्यान्वयन और असावधानी से कम कर दिया. उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार वैक्सीन के निर्यात पर तत्काल रोक लगाए और टीकाकरण को हर उस व्यक्ति तक पहुंचाए, जिसे इसकी आवश्यकता है.
उन्होंने यह भी कहा कि हमारे वर्तमान टीकाकरण की दर से देखें तो 75 प्रतिशत आबादी को टीका लगाने में कई साल लगेंगे. इससे भयावह प्रभाव पड़ेगा और भारत की अर्थव्यवस्था में गंभीर गिरावट आएगी.
कोविड-19 टीकों को विदेशों में निर्यात करने के निर्णय पर सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा, "इस बात का कोई स्पष्ट कारण नहीं है कि सरकार ने टीकों के बड़े पैमाने पर निर्यात की अनुमति क्यों दी. जबकि हमारा राष्ट्र टीकाकरण की कमी का सामना कर रहा है. टीकों की छह करोड़ से अधिक खुराक का निर्यात किया गया है."