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किसानों का समर्थन करने के लिए राहुल गांधी करेंगे राजस्थान का दौरा

पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में भाग लेने और कानूनों को रद्द करने की अपनी मांगों का समर्थन करने के लिए अगले सप्ताह राजस्थान जाएंगे.

Updated on: 06 Feb 2021, 09:03 PM

highlights

  • राहुल गांधी 12-13 फरवरी को करेंगे राजस्थान का दौरा
  • आंदोलन कर रहे किसानों को करेंगे समर्थन
  • किसानों ने किया शांतिपूर्वक चक्का जाम

नई दिल्ली:

पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी (Rahul Gandhi) तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन में भाग लेने और कानूनों को रद्द करने की अपनी मांगों का समर्थन करने के लिए अगले सप्ताह राजस्थान जाएंगे. राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने ट्वीट किया कि किसानों के हितों के लिए लड़ने के लिए और किसानों की आवाज उठाने के लिए और सरकार पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दबाव बनाने के लिहाज से राहुल गांधी 12 और 13 फरवरी को राजस्थान का दौरा करेंगे. इससे पहले दिन में राहुल गांधी ने देश भर में किसानों के तीन घंटे 'चक्का जाम' और कृषि कानूनों के खिलाफ समर्थन दिया.

आपको बता दें कि देशभर के कई हिस्सों में शनिवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने चक्का जाम किया. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर देश के बाकी राज्यों में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक चक्का जाम बुलाया गया था. इस दौरान सड़कों पर किसानों ने जाम लगाया तो कई जगह सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा. चक्का जाम को लेकर खास बात ये रही कि इस दौरान कोई किसान दिल्ली की ओर नहीं आया. दिल्ली में भारी सुरक्षा बल तैनात रहा. 

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमने कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को दो अक्टूबर तक का समय दिया है. इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे. हम किसी भी दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे. 

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले 2 माह से भी अधिक समय से गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने देशभर में अनाजों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागू करने को लेकर नया फॉर्मूला बताया है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि एमएसपी के लिए केंद्र सरकार उनके पिता स्वर्गीय महेंद्र टिकैत के फॉर्मूले को लागू करे. एमएसपी को लेकर राकेश टिकैत ने जो फॉर्मूला बताया है उसके हिसाब से तीन क्विंटल गेहूं की कीमत एक तोले सोने के बराबर होनी चाहिए. फिलहाल, अगर बाजार की बात करें तो गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल है तो वहीं 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत करीब 48 हजार रुपये है. 

बीकेयू के नेता राकेश टिकैत ने एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम में कहा कि केंद्र सरकार ने 1967 में गेहूं की एमएसपी 76 रुपये प्रति क्विंटल तय की थी, उस समय प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों का वेतनमान 70 रुपये महीना था. इस पर वह एक माह के वेतनमान से एक क्विंटल गेहूं नहीं खरीद सकते थे. एक क्विंटल गेहूं की कीतम से ढाई हजार ईंट खरीद सकते थे, उस समय 30 रुपये की एक हजार ईंटें मिलती थीं.

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि अब हमको 3 क्विंटल गेहूं के बदले एक तोला सोना दे दो. देश में जितनी कीमत चीजों की बढ़े उतनी ही गेहूं की भी बढ़नी चाहिए. ऐसे में इनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत के फॉर्मूले के अनुसार, एक क्विंटल गेहूं की कीमत लगभग 16 हजार होनी चाहिए. यह एमएसपी से करीब आठ गुना अधिक होगी. इस तरह से 1 किलो गेहूं की कीमत लगभग 160 रुपये होगी.