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केरल : राहुल गांधी ने UDF से चुनाव अभियान तेज करने को कहा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में पार्टी नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की ओर से आहूत बैठक में हिस्सा लिया.

Updated on: 23 Feb 2021, 10:43 PM

तिरुवनंतपुरम:

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में पार्टी नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की ओर से आहूत बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने बैठक में मौजूद सभी नेताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि प्रदेश में अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले गहन चुनाव अभियान चलाया जाए. एक सूत्र के अनुसार, यूडीएफ के विभिन्न नेताओं ने राहुल गांधी से यह अनुरोध किया कि वह पार्टी के चुनाव प्रचार का नेतृत्व करने के लिए अपनी बहन व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ राज्य में मौजूद रहें.

सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि उन्होंने (राहुल गांधी) प्रस्ताव पर सहमति जताई और नेताओं से यह भी देखने का अनुरोध किया कि उम्मीदवारों का चयन करते समय विशेष सावधानी बरती जाए और युवाओं एवं महिलाओं को उचित स्थान दिया जाए.

राहुल गांधी राज्य में वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह मंगलवार को यहां पहुंचे. विपक्ष के नेता व वयोवृद्ध पार्टी नेता रमेश चेन्निथला के राज्यव्यापी यात्रा के समापन पर राहुल गांधी प्रसिद्ध शंगुमुगम समुद्र तट पर एक सार्वजनिक रैली में भाग लेंगे. बुधवार को राहुल गांधी यहां से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित कोल्लम में मछुआरों के समुदाय के साथ मुलाकात करेंगे.

रेल रोको आंदोलन पर बोले राहुल गांधी- सरकार के अन्याय के खिलाफ अबकी बार...

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने  मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सीधी सी बात है- तीनों कृषि विरोधी क़ानून रद्द करो. समय नष्ट करके मोदी सरकार अन्नदाता को तोड़ना चाहती है. लेकिन ऐसा होगा नहीं. सरकार के हर अन्याय के ख़िलाफ़ अबकी बार किसान व देश तैयार.

आपको बता दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान को सख्‍त शब्‍दों में कहा है कि मांगों को माने जाने तक हम हटने को तैयार नहीं हैं. हरियाणा के खरक पूनिया में राकेश टिकैत ने कहा, सरकार को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि किसान अपनी फसल की कटाई के लिए वापस लौट जाएंगे. यदि इसके लिए जोर दिया गया तो वे अपनी फसल को जला देंगे. किसान नेता टिकैत ने कहा, 'उन्‍हें (आशय सरकार से है) यह नहीं समझना चाहिए कि प्रदर्शन दो महीने में खत्‍म हो जाएगा. हम फसल काटने के साथ विरोध भी करते रहेंगे.