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राहुल-प्रियंका समेत 5 लोगों को मिली हाथरस जाने की अनुमति

Hathras Case: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) हाथरस कथित सामूहिक बलात्कार घटना की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस रवाना हुए, लेकिन उनके काफिले को डीएनडी पर पुलिस ने रोक दिया.

Updated on: 03 Oct 2020, 04:19 PM

नई दिल्‍ली:

Hathras Case: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) हाथरस कथित सामूहिक बलात्कार घटना की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए हाथरस रवाना हुए, लेकिन उनके काफिले को डीएनडी पर पुलिस ने रोक दिया. इसके बाद यूपी प्रशासन ने हाथरस जाने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत 5 लोगों को अनुमति दे दी है.

कांग्रेस द्वारा जारी एक वीडियो के मुताबिक, राहुल और प्रियंका एक वाहन में सवार हैं तथा प्रियंका खुद इस वाहन को चला रही हैं. दूसरी तरफ, कांग्रेस के कई सांसद बस में सवार होकर हाथरस के लिए निकले हैं. हाथरस रवाना होने से कुछ देर पहले, राहुल ने कहा कि उन्हें इस दुखी परिवार से मिलने से दुनिया की कोई भी ताकत नहीं रोक सकती. उन्होंने ट्वीट किया कि दुनिया की कोई भी ताक़त मुझे हाथरस के इस दुखी परिवार से मिलकर उनका दर्द बांटने से नहीं रोक सकती.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस प्यारी बच्ची और उसके परिवार के साथ उप्र सरकार और उसकी पुलिस द्वारा किया जा रहा व्यवहार मुझे स्वीकार नहीं. किसी भी हिन्दुस्तानी को यह स्वीकार नहीं करना चाहिए. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कई सांसद हाथरस जाएंगे और शोकाकुल परिवार से मुलाकात करेंगे.

वेणुगोपाल ने ट्वीट किया कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल परिवार से मुलाकात कर उनकी चिंताएं सुनेगा और पीड़िता एवं परिवार के लिए न्याय की मांग करेगा. इससे पहले, बृहस्पतिवार को पीड़िता के परिवार से मुलाकात के लिए राहुल और प्रियंका के उत्तर प्रदेश स्थित हाथरस जाते समय पुलिस ने दोनों नेताओं को रोक कर हिरासत में ले लिया था. वहीं, कांग्रेस ने दावा किया कि राहुल और प्रियंका को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था. मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही अंतिम संस्कार करने के लिए बाध्य किया. बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’’ अंतिम संस्कार किया गया.