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BJP-RSS आरक्षण खत्म करना चाहते हैं, राहुल गांधी ने कहा कांग्रेस लड़ेगी

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस मसले पर मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि बीजेपी-आरएसएस के डीएनए को आरक्षण चुभता है.

Updated on: 10 Feb 2020, 11:41 AM

highlights

  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मसले पर मोदी सरकार पर जमकर बरसे.
  • आरक्षण खत्म करने के बीजेपी-आरएसएस के सपने को पूरा नहीं होने देंगे.
  • सर्वोच्च अदालत की टिप्पणी से आरक्षण का जिन्न फिर बाहर आया.

नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) द्वारा सरकारी नौकरी में आरक्षण (Reservations) पर की गई टिप्पणी के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) इस मसले पर मोदी सरकार (Modi Government) पर दबाव बना सर्वोच्च अदालत में पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दायर करने को कहा जा रहा है. इस कड़ी में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस मसले पर मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि बीजेपी-आरएसएस के डीएनए को आरक्षण चुभता है. उन्होंने कहा कि मैं कह रहा हूं कि हम आरक्षण को कभी नहीं मिटने देंगे, चाहे मोदी जी सपना देखे या मोहन भागवत सपना देखें...हम ऐसा नहीं होने देंगे.

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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर राहुल की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की रणनीति आरक्षण को रद्द करने की है, लेकिन बीजेपी वाले कितना भी सपना देख लें ऐसा कभी नहीं होगा. आरक्षण संविधान का हिस्सा है, बीजेपी की ओर से इसे ही खत्म करने की कोशिश की जा रही है. आरएसएस-बीजेपी की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है, वह किसी न किसी तरीके से रिजर्वेशन को हिंदुस्तान के संविधान से निकालना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि एससी-एसटी कम्युनिटी है ये लोग उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहते हैं. इसके लिए वह लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट करने पर आमादा है. हालांकि कांग्रेस एससी-एसटी के साथ है और वह कभी ऐसा नहीं होने देगी.

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यह है मामला
सर्वोच्च अदालत की ताजा टिप्पणी से पदोन्नति में में आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है. यह विवाद सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद शुरू हुआ है जिसमें उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया जिसमें राज्य सरकार से कहा गया था कि वह प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए डाटा जुटाए. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से यह पता करने को कहा था कि एससी-एसटी कैटिगरी के लोगों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है या नहीं, जिससे प्रमोशन में रिजर्वेशन दिया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार प्रमोशन में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं है.